जिप की डेढ वर्ष में केवल 31 प्रतिशत निधि ही खर्च
अब 107.11 करोड के खर्च की चुनौती

* खर्च करने के लिए सिर्फ 6 माह की डेडलाईन
* आगामी चुनाव के चलते निधि खर्च करने पर लगा प्रश्नचिन्ह
अमरावती/दि.11 – मिनी मंत्रालय यानी जिला परिषद को विभिन्न विभागों से निधि प्राप्त हुई थी. हालांकि, एक बार फिर जिला परिषद इस निधि को खर्च करने में विफल रही है. विगत डेढ वर्षों में जिला परिषद को विभिन्न विभागों को प्राप्त निधि का केवल 31 प्रतिशत ही खर्च किया गया है. अब निधि खर्च करने के लिए अंतिम छह महीने शेष है. इसकेे कारण जिला परिषद के सामने 107.11 करोड रुपए खर्च करने की बडी चुनौती है.
जिला परिषद की वर्ष 2024-25 की वार्षिक योजना के तहत जहां 170 करोड 65 लाख रुपये प्रास्तावित थे, वहीं जिला परिषद के विभिन्न विभागों को 157 करोड 18 लाख रुपए की निधि उपलब्ध कराई गई थी. हालांकि, इसमें से जून तक केवल 50 करोड 6 लाख 85 हजार रुपए ही खर्च किए गए है. यानी डेढ साल में कुल धनराशि का केवल 31.85 प्रतिशत ही खर्च हो पाया है.
मार्च 2026 तक केवल छह महीने बचे है. इसलिए एक प्रश्नचिन्ह खडा हो गया है कि केवल छह महिनों में शेष 107 करोड 11 लाख 17 हजार रुपए की धनराशि कैसे खर्च की जाएगी. हालांकि कुछ विभागों ने काफी मात्रा में धनराशि खर्च की है. जिला ग्रामीण विकास विभाग ने सबसे अधिक 100 प्रतिशत धनराशि खर्च की है. इसके बाद ग्रामीण जलापूर्ति विभाग ने 58 प्रतिशत खर्च किया. लेकिन कुछ विभागों का प्रतिशत असंतोषजनक पाया गया. इनमें स्वास्थ्य विभाग 14 प्रतिशत, शिक्षण 23 प्रतिशत, क तीर्थक्षेत्र के तहत 21 प्रतिशत निधि खर्च हुई है. महिला व बालकल्याण विभाग ने 28.23 प्रतिशत पंचायत विभाग ने 36.34 प्रतिशत निधि ही खर्च की है. वहीं कृषि विभाग ने अभी तक 8.46 प्रतिशत निधि ही खर्च की है. आगामी जिला परिषद चुनाव को देखते हुए 6 माह में 69 प्रतिशत निधि खर्च करने की चुनौती जिला परिषद के सामने सिर उठाए खडी है.





