शालेय सहल में केवल लालपरी

निजी बस ले जाने पर होगी कार्रवाई

अमरावती/दि.24 – वाहनों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है. इसलिए, अब स्कूली बच्चों के लिए अनुसूचित जनजाति (एसटी) बसों का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा. प्रत्येक 50 छात्रों के लिए 5 शिक्षक अनिवार्य होंगे, जबकि छात्राओं के साथ एक शिक्षक का होना आवश्यक होगा.

* सहल के लिए केवल एसटी बसें
सरकार के फैसले के अनुसार, स्कूलों को फील्ड ट्रिप के लिए राज्य परिवहन निगम (एसटी) की बसों को प्राथमिकता देनी चाहिए. हालांकि, निजी स्कूल अपनी खुद की या निजी बसों का इस्तेमाल करते हैं.

* स्कूल बसों और निजी वाहनों के इस्तेमाल पर कार्रवाई
परिवहन विभाग के आदेशों के अनुसार, स्कूल बस या निजी वाहन से यात्रा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

* किस कारण निर्णय लिया?
निजी बसों के इस्तेमाल से अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं. छात्र सुरक्षित रूप से यात्रा नहीं कर पाते. मनमानी प्रथाएं अपनाई जाती हैं. इसके परिणाम स्वरूप माता-पिता को ही भुगतने पड़ते हैं.

* शिक्षा विभाग के विनियम
स्पष्ट नियम हैं कि स्कूलों को फील्ड ट्रिप के लिए अनुसूचित जनजाति (एसटी) बसों को प्राथमिकता देनी चाहिए. आदेश है कि नियमों का उल्लंघन करने पर स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और एक निष्पक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी.

* वाटरपार्क और रिसॉर्ट्स के बजाय केवल ऐतिहासिक स्थल
स्कूल ट्रिप सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं होतीं. ये विद्यार्थियों को संस्कृति, इतिहास, भूगोल और व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण हैं. इसलिए, अब वाटर पार्क, रिसॉर्ट और उद्यानों के बजाय ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा करने के आदेश जारी किए गए हैं.

* रियायती दरों में सेवा
स्कूल रियायती दरों पर छात्र सहायता सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. इसके साथ ही, सुरक्षित यात्रा की सुविधा भी उपलब्ध है.
– नीलेश बेलसारे, विभाग नियंत्रक

* शिक्षाधिकारी की अनुमति आवश्यक
स्कूली सहल के लिए शिक्षाधिकारी से अनुमति लेना आवश्यक है और इन यात्राओं के लिए एसटी बसों का उपयोग करना चाहिए. स्कूलों को यात्राओं के संबंध में शिक्षा विभाग के नियमों का पालन करना चाहिए.
– सतीश मुगल, शिक्षाधिकारी (प्राथमिक)

* एसटी से सफर फायदेमंद
सरकारी एसटी बसों द्वारा राज्य में कहीं भी यात्रा करने का अवसर एसटी बसें कम लागत पर उपलब्ध हैं. एसटी बसों द्वारा छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है. शैक्षणिक संस्थानों और छात्रों को सुरक्षित यात्रा का लाभ मिलता है.

* एसटी का घाटा
ट्रेनें सुबह जल्दी नहीं मिलतीं. छात्रों को खराब बसें मिलती हैं. चूंकि बसें पुरानी हैं, इसलिए यात्रा के दौरान उनके खराब होने की संभावना रहती है.

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