अमरावती के मुख्य डाकघर की ट्रेझरी में केवल एक लाख रुपए
नही हो रहे है खाता धारकों के विड्रॉल

* पिछले आठ दिनों से ग्राहक काट रहे चक्कर
* नई प्रणाली अमल में लाने के नाम पर की जा रही ग्राहकों से दिशाभूल
* विविध कारण बताकर खाता धारकों को लौटाया जा रहा खाली हाथ
अमरावती/दि.18 – अमरावती के मुख्य डाकघर में पिछले आठ दिनों से ग्राहकों के खाते से पैसे विड्रॉल नहीं हो पा रहे हैं. नई डिजिटल प्रणाली अमल में लाने के नाम पर ग्राहकों की दिशाभूल कर उन्हें खाली हाथ लौटाया जा रहा है. शुक्रवार को दोपहर 1 बजे इस मुख्य डाकघर की ट्रेझरी में केवल एक लाख रुपए थे. ग्राहकों को हो रही परेशानी को देखते हुए डाकघर के मुख्य पोस्टमास्टर एस.वी. लांडगे से अमरावती मंडल के संवाददाता ने प्रत्यक्ष मुलाकात कर बातचीत की तो उन्होंने सॉफ्टवेअर में होते बदलाव का कारण बताते हुए 22 जुलाई से कामकाज नियमित होने की बात कही. लेकिन अन्य ग्राहकों के जाने पर उन्हें फिलहाल कोई भी बडे विड्रॉल न होने की सूचना दी जा रही है.
अमरावती शहर के शाम चौक स्थित मुख्य डाकघर में शहर की 18 शाखाओं का पैसा हर दिन आता है. पश्चात यह पैसा ट्रेझरी में जमा किया जाता है. साथ ही मुख्य पोस्टमास्टर एस.वी लांडगे के मुताबिक डाक घर का विविध शाखाओं से हर दिन जमा होनेवाला पैसा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में जमा कर दिया जाता है. दूसरे दिन सभी डाक घरों में मुख्य डाकघर से पैसा वितरित किया जाता है और इसी तरह हर दिन का व्यवहार चलता है. एस.वी. लांडगे के मुताबिक हर दिन की लिमिट उनकी 35 से 40 लाख रुपए की है. उनका कहना था कि, यदि बचत खाते का कोई बडा विड्रॉल रहता है तो उसे एक- दो दिन पूर्व सूचना देेनी पडती है. उस हिसाब से उनके विड्रॉल की व्यवस्था की जाती है. फिलहाल नई डिजिटल प्रणाली लागू करने के नाम पर पिछले एक सप्ताह से बचत खाते के अथवा डिपॉजिट किए ग्राहकों को बडे विड्रॉल नहीं दिए जा रहे है. अनेक लोग मुख्य डाक घर हर दिन चक्कर काट रहे है. ऐसे में आज शुक्रवार 18 जुलाई को मारोतराव भोयर नामक व्यक्ति की खरीदी थी. उन्होंने 5 लाख 5 हजार रुपए का चेक सामनेवाली पार्टी को दिया था. उस व्यक्ति ने अपने एचडीएफसी के बैेंक अकाउंट में वह चेक जमा किया. लेकिन वह हस्ताक्षर में त्रुटी रहने के नाम पर बाउंस हो गया. इस कारण मारोतराव भोयर मुख्य डाकघर पहुंचे और उन्होंने अपने अकाउंट से यह पैसा संबंधित एचडीएफसी के संबंधित व्यक्ति के बैंक खाते में आरटीजीएस करने कहा. तब मुख्य डाकघर के अधिकारियों ने बताया कि उनके यहां से आरटीजीएस पिछले चार माह से नहीं हो पा रहा है. तब उन्होंने विड्रॉल कर पैसा देने की बात कहीं. तब उन्हें बताया गया कि डाक घर में फिलहाल इतना पैसा नहीं है. ट्रेझरी में जाकर देखा तो उन्हे दोपहर 1 बजे बताया गया कि ट्रेझरी में केवल 1 लाख रुपए जमा है. यह बात अमरावती मंडल को पता चली तब मुख्य डाकघर के पोस्टमास्टर एस.वी. लांडगे से मुलाकात कर बातचित की गई तो उनका कहना था की नई डिजिटल प्रणाली लागू होती रहने से यह दुविधा निर्माण हो रही है. 22 जुलाई से सबकुछ नियमित हो जाएगा. लेकिन ग्राहकों ने यह बताया कि इस नई डिजिटल प्रणाली को लागू करने के लिए 21 जुलाई को डाकघर के सभी आर्थिक व्यवहार बंद रखे गए है. वर्तमान में ग्राहकों के पैसे जमा करने का सिलसिला जारी है. ऐसे में मुख्य डाकघर से अपने ही खातों से पैसे विड्रॉल नहीं होना यह बडे अचरज की बात है, ऐसा भी अनेक ग्राहकों ने कहा. काउंटर पर जाने पर ग्राहकों को सॉफ्टवेअर में खराबी, कनेक्टीवीटी नहीं होना और नई प्रणाली लागू करने सहित विविध कारण बताए जा रहे है. अमरावती मंडल संवाददाता के समक्ष मारोतराव भोयर का विड्रॉल शाम 5 बजे तक कर देने का आश्वासन दिया गया. साथ ही उन्हें यह भी बताया गया कि, यदि आज पैसों की व्यवस्था नहीं हो पाई तो शनिवार को सुबह 10 बजे उनका विड्रॉल कर दिया जाएगा. इसी दौरान एक और ग्राहक 6 लाख का चेक लेकर विड्रॉल करने पहुंचा तो उसे भी दूसरे दिन आने की बात कही गई. पिछले एक सप्ताह से जो ग्राहक मुख्य डाकघर में अपने ही पैसों के विड्रॉल के लिए चक्कर काट रहे है उन्हें ट्रेझरी में पैसा न रहने और नई प्रणाली लागू करने के लिए विड्रॉल न होने की बात कहे जाने से ग्राहकों में तीव्र असंतोष व्याप्त है.
* पीपीएफ का पैसा नहीं मिल रहा महिला को
शुक्रवार, 18 जुलाई को मारोतराव भोयर समेत कुछ ग्राहकों ने मुख्य डाकघर के पोस्टमास्टर एस.वी. लांडगे से मुलाकात कर उन्हें कहा कि उनकेे खातों में जमा पैसे का विड्रॉल उन्हें चाहिए, क्योंकि उन्हें पैसों की आवश्यकता है. तब लांडगे ने ट्रेझरी में पैसों का अभाव रहने का कारण बताकर उनका विड्रॉल शाम तक अथवा शनिवार 19 जुलाई को कर देने की बात कही. उसी समय शहर के श्रीकृष्ण पेठ निवासी नेहा विजय गुप्ता नामक महिला मुख्य डाकघर में पहुंची. उसका कहना था कि, उसने पिछले 15 वर्ष से पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडंट फंड)के पैसे जमा किए. मार्च 2025 में उसकी कालावधि पूर्ण हो गई. कुल 6 लाख 14 हजार 398 रुपए उसका पीपीएफ जमा हुआ. अप्रैल माह में उसे यह पैसे मिलने की बात मुख्य डाकघर से कही गई. लेकिन वह किसी कारणवश तब वह नही जा पाई. एक सप्ताह पूर्व जब वह मुख्य डाकघर में गई तब उसे नया सेविंग अकाउंट खोलने लगाया. उसे कहां गाया कि इस नए अकाउंट में उसके पीपीएफ के पैसे जमा हो जाएगे. लेकिन वह अपने ही पैसे विड्रॉल करने के लिए पिछले एक सप्ताह से चक्कर काट रही है. आज शुक्रवार को उसे पहले बताया गया कि अब उन्हें यह पीपीएफ का पैसा अगस्त माह में मिलेगा. लेकिन उसने दबाव डाला तब उसे शनिवार 19 जुलाई को आने कहा गया. इस सभी बातों के कारण सवाल उठाए जा रहे है कि, मुख्य डाकघर की ऐसी अवस्था क्यों है. क्यों ग्राहकों को उनके पैसे तत्काल नहीं दिए जा रहे है. मुख्य डाकघर सहित शहर की विविध शाखाओं में हर दिन लाखों रुपए जमा होते है. फिर ग्राहकों को उनके विड्रॉल न देने का कारण क्या? आदि सवाल खडे हो रहे है.
* 22 जुलाई से सबकुछ नियमित
पिछले एक सप्ताह से नई डिजिटल प्रणाली लागू करने की प्रक्रिया शुरू रहने से विड्रॉल की दुविधा निर्माण हो रही है. 22 जुलाई से सब कुछ नियमित हो जाएगा. वर्तमान में हर दिन सुबह शहर की 18 शाखाओं में पैसे वितरित कर दिए जाते है. पश्चात पूरे दिन का व्यवहार चलता है. बडे विड्रॉल के लिए ग्राहक को 1-2 दिन पूर्व सूचना देना अनिवार्य है. तब उनके विड्रॉल के पैसों की व्यवस्था कर ली जाती है.
– एस.वी. लांडगे, मुख्य डाकघर,
पोस्टमास्टर





