… तभी हल हो सकेगा आरक्षण का मामला

शरद पवार ने गेंद डाली केंद्र के पाले में

अहिल्या नगर /दि.30- इस समय महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर राजनीतिक वातावरण जमकर तपा हुआ है और आरक्षण के मुद्दे को लेकर मराठा व ओबीसी समाज के बीच संघर्ष शुरु होने के पूरे आसार भी दिखाई दे रहे है. इसी बीच इस मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मराठा छत्रप के तौर पर पहचान रखनेवाले वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद शरद पवार ने कहा कि, आज भी आरक्षण की जरुरत है. यह अपने-आप में एक हकीकत है, परंतु सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तय की गई अधितम 50 फीसद आरक्षण की सीमा इसमें बाधा साबित हो रही है. ऐसे में इसमें से रास्ता निकालने हेतु संविधान में संशोधन करना आवश्यक है, तभी आरक्षण के मसले का कोई हल निकल पाएगा.
एक कार्यक्रम में शामिल होने हेतु अहिल्या नगर पहुंचे शरद पवार गुट वाली राकांपा के मुखिया शरद पवार ने कहा कि, छत्रपति शाहू महाराज ने शिक्षा के लिए मराठा समाज हेतु आरक्षण के दरवाजे खुले किए थे, तब से हीआरक्षण की यात्रा शुरु हुई और बदलते दौर में विविध समाजघटकों द्वारा आरक्षण की मांग की जाने लगी. साथ ही शरद पवार का यह भी कहना रहा कि, यदि तमिलनाडू राज्य द्वारा 72 फीसद आरक्षण दिया जा सकता है, तो महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों के लिए भी यह मार्ग व पर्याय उपलब्ध होना चाहिए. जिसके लिए जरुरी होने पर संविधान में संशोधन भी करना पड सकता है. क्योंकि यह मसला केवल महाराष्ट्र का ही नहीं है, बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी आरक्षण को लेकर ऐसी समस्याएं देखी जा रही है. अत: सभी संबंधित राज्यों से चर्चा करते हुए संसद में कोई ठोस निर्णय लेना आवश्यक है. जिसकी ओर केंद्र सरकार द्वारा ध्यान दिया जाना चाहिए.

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