
* 7 माह में 49 बच्चों की जन्मते ही मौत
* अभय कोलारकर की आरटीआई
नागपुर/ दि. 18- बच्चों का कुपोषण दूर करने प्रतिवर्ष सरकार करोडों रूपए खर्च कर रही है. अमरावती जिले के मेलघाट के आदिवासी बहुल भागों ेंमें फिर भी कुपोषण डेरा डाले बैठा है. सूचना का अधिकार कानून के तहत मांगी गई जानकारी में भयंकर खुलासा हुआ है कि चिखलदरा और धारणी तहसीलों में नवंबर 2024 में 10 हजार से अधिक बच्चे कुपोषण के शिकार रहे. इस बार में सूचना अधिकार कार्यकर्ता अभय कोलारकर ने जानकारी मांगी थी. उन्हें दी गई जानकारी में उपरोक्त भयंकर आंकडे दिए गये हैं.
धारणी में 6, चिखलदरा में 3 हजार
जिला परिषद अमरावती के स्वास्थ्य विभाग ने पिछले वर्ष नवंबर तक की गई जांच के आधार पर आरटीई में बताया कि 20380 बच्चों में से 14126 बच्चों का वजन और उंचाई सामान्य पायी गई. वहीं 4964 बच्चे कम वजन के रहे. 1290 बच्चे बेहद कमजोर पाए गये. जिससे 6254 बच्चे कुपोषित रहने की जानकारी दी गई. इसी प्रकार शून्य से 5 वर्ष आयु सीमा के 13964 बच्चों की जांच की गई. 9860 बच्चे सामान्य उंचाई और वजन के रहे. 3316 बच्चे का वजन कम दर्ज हुआ है. 788 बच्चे तीव्र कम वजन के रहे. अर्थात 4104 बच्चे कुपोषित थे.
पीआरओ ने बताया स्वास्थ्य विभाग के आंकडे
जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग के जनसंपर्क अधिकारी राजेश रोंघे से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि संबंधित विभाग से मिले आंकडे दिए गये हैं. जिला परिषद ने यह भी स्पष्ट किया कि कुपोषण नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य महकमा धारणी उपजिला अस्पताल, चुर्णी के ग्रामीण अस्पताल, 11 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 6 प्राथमिक स्वास्थ्य पथक, 7 मोबाइल स्वास्थ्य पथक और अन्य के जरिए उपचार व उपाय किए जा रहे हैं.