शिवसेना के 12 सांसद कमल पर लडने तैयार
प्रदेश की सियासत में बडा ट्विस्ट
* उम्मीदवारी देने सीएम शिंदे से गुहार
* पेंच में फंसी भाजपा
मुंबई/ दि. 7- प्रदेश में पहले ही अजीबो गरीब राजनीतिक हालात बने हुए हैं. उस पर रोज नये पैंतरे चले जा रहे हैं. सियासी हालात का सिरा किसी को नहीं मिल रहा. इस कदर उहापोह की स्थिति है. बात महाविकास आघाडी की हो या महायुति की. दोनों ओर परिस्थितियां लगभग समान है. जिसके कारण सीट शेयरिंग नहीं हो पा रही है. दिन ब दिन बीतते जा रहे हैं. लोकसभा चुनाव कार्यक्रम घोषणा की तारीख करीब आ रही है. ऐसे में आज शिवसेना एकनाथ शिंदे गट के एक दर्जन सांसदों ने पैंतरा बदल दिया. उन्होंने शिंदे से कह दिया कि वे कमल निशानी पर भी चुनाव लडने तैयार हैं. बस उम्मीदवारी दी जाए. उनके इस कदम से भारतीय जनता पार्टी की चुनौती बढनेवाली मानी जा रही है.
* अचानक लिया निर्णय
शिवसेना के सांसदों ने एकाएक सीएम शिंदे से मुलाकात हेतु समय मांगा हैं. जिसमें वे उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए कुछ भी कीजिए, टिकट फिक्स कीजिए, इस अंदाज में गुहार लगायेंगे. उन्होंने दबाव गट बना लिया हैं. दो दिनों में वे फिर मिलनेवाले हैं. बता दे कि एकनाथ शिंदे द्बारा उध्दव ठाकरे के विरूध्द बगावत करने पर इन 13 सांसदों ने उनका पूरा साथ दिया था. उन्हें शब्द दिया गया था कि लोकसभा चुनाव में उन्हें दोबारा उम्मीदवारी और क्षेत्र विकास के लिए भरपूर फंड दिया जायेगा. सांसद दावा करते हैं कि गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें वचन दिया था. जिससे टिकट मिलने की आशा से वे लोग खुश और समाधानी थे.
* भाजपा ने कराया सर्वे
चुनाव से पहले मतदाता की नब्ज टटोलने का प्रयत्न भाजपा ने किया. प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में चार से पांच बार सर्वेक्षण करवाया गया. कुछ क्षेत्र में वर्तमान सांसद के विरूध्द हवा होने की रिपोर्ट मिली है. कुछ जगह मौजूदा प्रत्याशी परास्त होने के अहवाल आने से वहां उम्मीदवार बदलने की हलचल तेज हैं.
* कमल निशानी पर फायदा
कमल निशानी लेकर मैदान में उतरने पर क्या होगा, इसका भी अनुमान किया गया. भाजपा ने देखा कि इसमें भी नकारात्मक प्रतिसाद मिल रहा है. इसलिए पार्टी ने कई उम्मीदवारों को टिकट नहीं देने का निर्णय किया. विनिंग क्षमता के उम्मीदवार के भाजपा के निर्णय से सीएम शिंदे दिक्कत में आ गये. एक सांसद को उम्मीदवारी नहीं मिलनेवाली. यह बात तय होते ही 12 सांसदों ने मुख्यमंत्री से दो दिनों में भेंट कर धुनष्यबाण नहीं तो कमल निशानी पर लडने की तैयारी हैं. टिकट देने की गुहार उन्होंने लगाई है.
* यह हैं वे सांसद
डॉ. श्रीकांत शिंदे, हेमंत गोडसे, भावना गवली, संजय मंडलिक, धैर्यशील माने, सदाशिव लोखंडे, हेमंत पाटील, श्रीरंग बारणे, प्रतापराव जाधव, कृपाल तुमाने, राहुल शेवाले, राजेंद्र गावित, गजानन कीर्तिकर.