नांदेड में 19 वर्षीय छात्र ने लगाई फांसी
नीट में मौका नहीं मिलने की आशंका से था व्यथित
* सुसाइड नोट में किया मराठा आरक्षण का उल्लेख
नांदेड /दि.8- मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु आवश्यक नीट की परीक्षा में कम अंक मिलेंगे और कुणबी प्रमाणपत्र नहीं रहने के चलते मराठा आरक्षण के जरिए भी मेडिकल पाठ्यक्रम में भी प्रवेश नहीं मिलेगा. ऐसे विचारों से निराश होकर लोहा तहसील के धानोरा भुजबल गांव में रहने वाले कक्षा 12 वीं के छात्र प्रमोद जानकीराम भुजबल (19) ने अपने की खेत में नीम के पेड से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. यह घटना मंगलवार 7 मई की सुबह उजागर हुई.
जानकारी के मुताबिक प्रमोद भुजबल ने विगत रविवार 5 मई को ही नीट में परीक्षा दी थी और परीक्षा की उत्तर पुस्तिका को खुद ही जांचने के बाद वह काफी हद तक व्यथित व अस्वस्थ था. इसे लेकर उसके चाचा द्वारा की गई पूछताछ में प्रमोद भुजबल ने बताया था कि, उसका पर्चा काफी मुश्किल गया था. पश्चात 6 मई की रात 8 बजे प्रमोद अपने पिता के लिए भोजन का डिब्बा लेकर अपने खेत में गया था. जहां पर पिता, चाचा, दादा व भाई के साथ भोजन करने के बाद वह सो गया. अगले दिन यानि मंगलवार की सुबह प्रमोद के दादा लक्ष्मण भुजबल जल्दी उठकर घर जाने हेतु निकले और उन्होंने प्रमोद को भी अपने साथ घर चलने के लिए कहा. लेकिन प्रमोद ने बाद में आने की बात कही और वह खेत में ही रुक गया जिसके बाद अन्य सभी लोग एक-एक कर खेत से अपने घर चले गये. सभी लोगों के घर चले जाने के बाद प्रमोद में खेत में ही स्थित नीम के पेड से रस्सी का फंदा बनाकर खुद को फांसी लगा ली. जब काफी देर तक प्रमोद अपने घर नहीं लौटा, तो उसके बडे भाई प्रदीप उसे बुलाने हेतु खेत में पहुंचा. जहां पर उसे प्रमोद भुजबल फांसी के फंदे पर लटकता दिखाई दिया. जिसकी जानकारी तुरंत ही पुलिस को दी गई और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा किया, तो प्रमोद की जेब से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ. जिसमें लिखा हुआ था कि, नीट की परीक्षा में उसका रिजल्ट काफी कम आ सकता है और मराठा आरक्षण भी नहीं रहने की वजह से वह मेडिकल कॉलेज में प्रवेश हेतु पात्र भी नहीं हो सकेगा. जिसकी वजह से वह काफी निराश है और अपनी जान दे रहा है. पुलिस ने इस घटना को लेकर आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया है. साथ ही भुजबल परिवार ने किसी को भी प्रमोद की मौत के लिए जिम्मेदार नहीं बताते हुए किसी के भी खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं कराई है.