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नाबालिग के दुराचारी को 20 साल की कैद

बुलढाणा के प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश ने सुनाई सजा

बुलढाणा/दि.30 – इस समय समूचे राज्य में नाबालिग व अल्पवयीन लडकियों के साथ होने वाले लैंगिक अत्याचार की घटनाओं से सामजमन पूरी तरह से सुन्न हो गया है. वहीं इस बीच एक नाबालिग लडकी का अपहरण कर उसके साथ दुराचार करने वाले आरोपी युवक को बुलढाणा के प्रमुख जिला व सत्र न्यायालय ने 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनवाई है. बुलढाणा के प्रमुख जिला व सत्र न्यायालय के विशेष न्यायाधीश आर. एन. मेहरे द्वारा गुरुवार 29 अगस्त को सुनाया गया यह फैसला नाबालिग लडकियों पर नजर रखने के साथ ही दृष्कृत्य करने का मंसुबा रखने वाले विकृत मानसिकता वाले लोगों में दहशत फैलाने वाला साबित हो सकता है.
जानकारी के मुताबिक 4 मार्च 2019 को देउलगांव राजा पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत रहने वाली नाबालिग लडकी को मनोज डोंगरे ने अपने प्रेमजाल में फंसाकर भगा लिया था. जहां से दोनों जालना पहुंचे और फिर एक ट्रक में बैठकर छत्रपति संभाजी नगर चले गये. जहां से दोनों ने सूरत की ओर जाने वाली ट्रेन पकडी और अगले दिन सूरत पहुंचने के बाद मनोज ने वहां पर किराये का एक कमरा लिया. पश्चात उसने उक्त नाबालिग लडकी के साथ उसी कमरे में जबरन शारीरिक संबंध बनाये. इधर घर से लडकी गायब हो जाने के चलते उसके परिजनों ने देउलगांव राजा पुलिस थाने में लडकी की गुमशुदगी को लेकर शिकायत दर्ज कराते हुए मनोज डोंगरे द्वारा लडकी का अपहरण कर लिये जाने का संदेह जताया. जिसके बाद शुरु की गई जांच में मनोज डोंगरे व उक्त लडकी के सूरत में रहने की जानकारी पुलिस को मिली. जिसके चलते पुलिस ने 20 मई को सूरत पहुंचकर मनोज डोंगरे व उक्त नाबालिग लडकी को अपने कब्जे में लिया. जिन्हें अगले दिन देउलगांव राजा वापिस लाते हुए दोनों की मेडिकल जांच की गई और मामले की जांच के बाद अदालत में चार्जशीट पेश की गई. जहां अभियोजन पक्ष की ओर से एड. वसंत भटकर ने युक्तिवाद करते हुए 9 गवाह पेश किये. साथ ही मेडिकल जांच को लेकर प्रयोगशाला की रिपोर्ट को प्रस्तुत किया. सभी सबूतों व गवाहों के बयान को ग्राह्य मानते हुए अदालत ने अपहरण व बलात्कार सहित पोक्सो एक्ट की धाराओं के तहत मनोज डोंगरे को 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई.

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