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मजदूरों के जरिए बदलवाई जा रही थी 2 हजार रुपए की नोटें

नोटें बदलवाने वाले रैकेट का दिल्ली कनेक्शन आया सामने

नागपुर/दि.30 – डेढ वर्ष पूर्व भारतीय रिजर्व बैंक ने 2 हजार रुपयों के करंसी नोटों पर चलन से बाहर कर दिया था. जिसके बाद मजदूरों के जरिए 2 हजार रुपए की नोटों को बदलवाने वाले एक बडे रैकेट का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. इस रैकेट का कनेशन सीधे दिल्ली, गुजरात व उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के साथ रहने की जानकारी सामने आयी है. पता चला है कि, इस रैकेट द्वारा मजदूरों के जरिए लाखों रुपयों की नोटे बदलवाते हुए उन मजदूरों को थोडे से रुपयों का लालच होकर उनसे यह मांग कराया जाता था. इस मामले में नागपुर पुलिस ने अनिलकुमार जैन (56, जबलपुर) नामक व्यापारी सहित नंदलाल मौर्य (35, सीताबर्डी), रोहित बावणे (34, शांति नगर) व किशोर बोहरिया (54, झिंगाबाई टाकली) नामक 3 दलालों को गिरफ्तार किया है. पता चला है कि, इस रैकेट का मुखिया रहने वाले अनिलकुमार जैन में अब तक करोडों रुपए मूल्य की नोटों की मजदूरों के जरिए रिजर्व बैंक से अदला-बदली कराई है.
बता दें कि, डेढ वर्ष पूर्व 2 हजार रुपए की नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया था. हालांकि जिन लोगों के पास अब भी 2 हजार रुपए के करंसी नोट है, उन्हें आरबीआई में अपना पता व आधार कार्ड दिखाने पर नोटे बदलकर दी जाती है. जिसके तहत महाराष्ट्र में नागपुर, बेलापुर व मुंबई स्थित रिजर्व बैंक की शाखाओं में विशेष काउंटर है और इन काउंटर पर एक व्यक्ति अधिकतम 20 हजार रुपए की नोटे बदलवाकर ले सकता है. इस बात का फायदा उठाने हेतु अनिल जैन दिल्ली व उत्तर प्रदेश से 2 हजार रुपए के करंसी नोट लेकर आया करता था. जिन्हें बदलवाने हेतु उसने नागपुर में रहने वाले 3 लोगों को अपनी गैंग में शामिल किया था और वे तीनों दलाल झोपडपट्टी वाले इलाकों में जाकर महिलाओं को इकठ्ठा करते थे तथा उन महिलाओं को 300 रुपए मजदूरी देकर उनके जरिए आरबीआई से नोटे बदलवाते थे. इस काम के लिए अनिल जैन एक लाख रुपए पर 20 हजार रुपए का कमिशन लिया करता था और नागपुर में रहने वाले तीनों दलालों को प्रत्येक मजदूर पर 1 हजार रुपए दिया करता था. इस तरह से 1 लाख रुपए की एवज में बदलवाने हेतु नोट देने वाले व्यापारियों को 75 हजार रुपए वापिस लौटाये जाते थे.
विगत 3 माह से आरबीआई में 2 हजार रुपए की नोटे बदलवाने हेतु महिलाओं की भीड अचानक बढने लगी थी. जिनमें झोपडपट्टी परिसर में रहने वाली गरीब व मजदूर महिलाओं की संख्या अच्छी-खासी थी. इसकी सूचना मिलते ही वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मनीष ठाकरे ने जाल बिछाते हुए कुछ महिलाओं को अपने कब्जे में लिया और उनसे पूछताछ की, तो इस पूरे गोरखधंधे का खुलासा हुआ. साथ ही इस मामले में आरोपियों की संख्या बढने का भी अनुमान जताया जा रहा है.

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