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गन्ना तोडने वाले मजदुरों की दुर्घटना में मौत पर परिवार को दिए जाएगे 5 लाख रुपये

शासन का महत्त्वपूर्ण निर्णय

सामाजिक न्याय विभाग की कोशिश को मिली सफलता
मुंबई/दि.19 – राज्य के 10 लाख गन्ना तोडने वाले मजदुरों की दुर्घटना में जाने वाले प्राणों के विषय में राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. गन्ना तोडने वाले मजदुरों, यातायात मजदुर व मुकादम के दुर्घटना में मृत्यु होने पर उनके परिवार के सदस्यों को प्रत्येक को 5 लाख रुपयों का भरपाई नुकसान दिए जाने की घोषणा की गई है.
राज्य के गन्ना तोड मजदुरों के कल्याण के लिए लोकनेता गोपीनाथ मुंडे गन्नातोड मजदुर कल्याण महामंडल की स्थापना की गई है. इस महामंडल के माध्यम से गन्ना तोडने वाले मजदुरों की विभिन्न योजना को चलाया जा रहा है. जिसके अंतर्गत गन्ना तोडने वाले मजदुरों, यातायात मजदुरों व मुकादम के लिए दुर्घटना बिमा प्रस्तावित किया गया है. इस बिमा योजना को अमल में लाने के लिए अवधी लागत होेने की स्थिती में दुर्घटना में मृत्यु होने पर उनके परिवार के सदस्यों को तुरंत 5 लाख की मदद देने का शासन ने निर्णय लिया है. इस संदर्भ में महामंडल की ओर से राज्य से प्राप्त हुए 67 प्रकरण में प्रत्येक को 5 लाख के रुप में कुल 3 करोड 35 लाख रुपयों की निधी संबंधित जिलों में वितरित की जाएगी. इस निधी से लाभार्थियों को उनके-उनके जिले में मंत्री, पालकमंत्री के हाथों धनादेश जल्द ही परिवार के सदस्यों को सौंपा जाएगा. इसके चलते गन्ना तोडने वाले मजदुरों, यातायात मजदुरों व मुकादम की दुर्घटना में मृत्यु हुई है, ऐसे व्यक्ति दुर्घटना मृत्यु के चलते संबंधित जिलाधिकारी, प्रादेशिक उपायुक्त, सहाय्यक आयुक्त समाज कल्याण व्दारा आवश्यक कागजपत्रों की जांच पडताल कर पात्र गन्ना तोडने वाले मजदुर, यातायात करने वाले मजदुर व मुकादम के परिवार को 5 लाख रुपये रकम की आर्थिक सहायता के लिए धनादेश का वितरण करें. ऐसे निर्देश दिए गए है.
अपघात के स्वरुप में रास्ते, रेल्वे दुघर्टना, पानी में डुबने से मौत, बिजली के संपर्क में आने से मौत, बिजली गिरने से हुई मौत, उंचाई से गिरने से मौत, किटनाशक खाकर या किसी अन्य कारण से विषबाधा, संर्पदंश, बिच्छु काटने, जानवरों के काटने से, रेबिज, किसी भी प्राणी से जख्मी होने के कारण अपंगत्व होने या मौत होने, नक्सलवादी की ओर से हुई हत्या, दंगो के कारण अपंगत्व अथवा मौत, हत्या होने, शरीर में हुए दुर्घटना व अन्य किसी भी कारण से दुर्घटना, का समावेश किया गया है. सामाजिक न्याय विभाग के सचिव सुमंत भांगे के मार्गदर्शन में लोकनेता गोपीनाथ मुंडे गन्ना तोड मजदुर कल्याण महामंडल के व्यवस्थापकीय संचालक डॉ. दिनेश डोके व व्यवस्थापक बालासाहेब सोलंकी ने इस संदर्भ में शासन स्तर पर प्रयास किया था. उनके प्रयासों को सफलता मिली है. शासन के निर्णय के कारण राज्य के गन्ना तोड मजदुरों, यातायात मजदुरों, मुकादम व गन्ना तोडने वाले मजदुरों के लिए काम करने वाले विभिन्न संगठनों व संस्था को राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार सहित सामाजिक न्याय विभाग के सचिव सुमंत भांगे, महामंडल के व्यवस्थापकीय संचालक डॉ.दिनेश डोके, व्यवस्थापक बालासाहेब सोलंकी व सामाजिक न्याय विभाग के आधिकारी का धन्यवाद व्यक्त किया है.

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