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ग्रामीण अस्पताल में 50 लाख का ऑक्सिजन प्लांट

वरुड में फायर मैनेजमेंट कार्यान्वित

वरुड/दि.2- शासकीय अस्पतालों में पहले से ही असुविधाओं का अंबार होने के कारण नागरिक यहां पर इलाज करवाने में हिचकिचाते हैं. इसे वरुड का ग्रामीण रुग्णालय अपवाद साबित होकर फायर मैनेजमेंट सहित हर रोज 100 सिलेंडर का ऑक्सिजन निर्मिति करने वाला 50 लाख रुपए का ऑक्सिजन प्लांट साकार किया जा रहा है. तो वातानुकूलित पुरुष, महिला वार्ड, सुसज्ज ऑपरेशन थिएटर एवं समय पर निःशुल्क खून की आपूर्ति करने वाला अस्पताल सज्ज हुआ है. मरीजों को सभी सुविधाएं मिलने के कारण यह अस्पताल न होकर मानो एक मानव मंदिर होने की प्रतिक्रिया यहां उपचारार्थ आने वाले मरिजों सहित नागरिकों द्वारा व्यक्त की जा रही है.
वरुड में ग्रामीण अस्पताल सर्वसामान्यों के लिए वरदान साबित हो रहा है. यहां वातातनुकूलित व्यवस्था सहित सुगम संगीत भी मरीजों को सुनने के लिए मिलता है. वहीं मरीजों को निःशुल्क खून की आपूर्ति हो, इसके लिए गत सात वर्षों से ग्रामीण अस्पताल संलग्नित रक्तदाता संघ का निर्माण डॉ. प्रमोद पोतदार ने करवा इस माध्यम से निःशुल्क रक्त की आपूर्ति भी की जाती है. सभी सुविधाओं के रहते सिर्फ ऑक्सिजन के कारण अनेको को नागपुर, अमरावती भेजना पड़ता था. इस दिक्कत को देखते हुए शासन से दखल लेकर 50 लाख रुपए कीमत का एक दिन के लिए 100 सिलिंडर इतना ऑक्सिजन निर्मिति करने वाले प्लांट का काम युद्धस्तर पर शुरु है. इस कारण अनेकों की जान बचाने में मदद होगी. यहां पर आग प्रतिबंधात्मक यंत्रणा भी सज्ज किए जाने के साथ ही अस्पताल के संपूर्ण परिसर सहित वार्ड, कार्यालय व आकस्मिक कक्ष में सीसीटीवी लगाये जाने से संपूणर्ओ परिसर तीसरी आंख की निगरानी में है.
जिलास्तरीय, विभाग एवं राज्यस्तरीय स्वास्थ्य क्षेत्र के सम्मान का डॉ. आनंदीबाई जोशी पुरस्कार, रक्तसंक्रमण परिषद के सर्वाधिक रक्त संकलन का पुरस्कार, सर्वाधिक प्रसूती, सामान्य शस्त्रक्रिया का राज्य एवं केंद्र सरकार के अनेक पुरस्कार वरुड के ग्रामीण अस्पताल को प्राप्त है.

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