यूं ही पडी है एमआईडीसी की 60 लाख वर्ग मीटर जमीन
कैग ने की आलोचना, निगम का करोडों का नुकसान
* उद्योगों हेतु दी गई 12.25 करोड वर्ग मीटर जगह का भी नहीं हुआ उपयोग
नागपुर/दि.21 – उद्योगों के लिए जमीन लेकर उसका उपयोग नहीं करने के कारण कंट्रोलर व ऑडिटर जनरल ने महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम एमआईडीसी की जोरदार खिंचाई की है. इससे निगम का तो करोडों का नुकसान हुआ ही, उसी प्रकार खेती करने वाले किसानों का और रोजगार की आस कर रहे बेरोजगार युवकों का भी बडा नुकसान निगम ने कर दिया है. कैग ने रिपोर्ट में आंकडे दिये हैं, जो चौकाने वाले हैं. उसी प्रकार रिपोर्ट में कुछ बडे उद्योगों पर मेहरबानी किये जाने का भी ठपका लगाया है.
* अतिरिक्त जगह नहीं लौटायी
किसी भी प्लॉट धारक ने कारखाने की अतिरिक्त अथवा अब तक उपयोग में नहीं लायी गई 1 इंच भी जगह वापस नहीं की. प्रदेश में 158 एमआईडीसी है. 34574 प्लॉट धारकों में से केवल 5 प्रतिशत अर्थात 1687 उद्यमियों ने उन्हें दी गई जमीन का अधिकाधिक उपयोग किया है. वहीं 32887 प्लॉट धारकों के पास 12.25 करोड वर्ग मीटर जगह बगैर उपयोग के पडी है. उसी प्रकार अकेले ठाणे जिले में 60.51 लाख वर्ग मीटर जगह का इस्तेमाल नहीं किया गया. जिससे सहज अंदाजा लगता है कि, भूमि अधिग्रहण में आगे रहने वाली एमआईडीसी उद्योग को शुरु करवाने में विफल रही है.
* रेट तय करने की नीति अयोग्य
नियंत्रक व महालेखाकार के अहवाल में कहा गया कि, निगम की जमीन के दर निश्चित करने की नीति भी उचित नहीं लग रही. अनेक प्रकरणों में एमआईडीसी ने अपनी ही नीति के विरोध में जाकर अपात्र रहने वाले प्लॉट भी वितरीत कर दिये. कुछ प्लॉट उपलब्ध न रहने पर भी वितरण का पत्र दे दिया. जिसके कारण कालांतर में एमआईडीसी को संबंधितों को ब्याज सहित क्षतिपूर्ति देनी पडी. निगम के पास निर्धारित अवधि में उद्यम स्थापित न करने वाले उद्यमियों की निगरानी हेतु यंत्रणा नहीं है. जिसके कारण वह कार्रवाई नहीं कर पाती. इससे दोहरा नुकसान हो रहा है. न उस जमीन पर खेतीबाडी हो सकती है, न उद्यम लग रहे.