विद्यार्थी दिवस हेतु राष्ट्रपति व पीएम को भेजे जाएंगे 75 लाख पत्र
डॉ. आंबेडकर के शाला प्रवेश दिवस को विद्यार्थी दिवस घोषित करने की उठाई जाएंगी मांग
छ. संभाजीनगर/दि.5 – संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के शाला प्रवेश दिवस को पूरे देशभर में विद्यार्थी दिवस के तौर पर मनाया जाये. इस हेतु विगत लंबे समय से प्रयास किये जा रहे है. साथ ही अब इसे लेकर अधिकृत अधिसूचना जारी करने की मांग को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम 75 लाख पत्र भेजे जाएंगे और इसकी शुरुआत डॉ. बाबासाहब आंबेडकर मराठवाडा विद्यापीठ से की जाएगी, ऐसी जानकारी डॉ. बाबासाहब आंबेडकर शाला प्रवेश दिवस व विद्यार्थी दिवस के प्रवर्तक अरुण जावले द्वारा दी गई.
इसे लेकर बताया गया कि, इससे पूर्व पहले चरण के तहत समूचे महाराष्ट्र राज्य से दिल्ली दरबार को 1 लाख 25 हजार पत्र भेजने का अभियान चलाया गया था. जिसके परिणाम स्वरुप तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 7 नवंबर को पूरे देश में विद्यार्थी दिवस के तौर पर मनाये जाने पर अपनी सहमति दर्शायी थी. लेकिन इसकी अधिसूचना जारी होने से पहले ही रामनाथ कोविंद का कार्यकाल खत्म हो गया. ऐसे में अब मौजूदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम 75 लाख पत्र भेजते हुए यह मांग दोबारा उठाई जाएगी. इस मांग के समर्थन में कहा गया कि, जिस तरह से पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की स्मृति में शिक्षक दिवस व डॉ. एपीजे अब्दूल कलाम की स्मृति में वाचक दिवस पूरे देशभर में मनाया जाता है. उसी तरह ‘सिम्बॉल ऑफ नॉलेज’ के तौर पर पूरे विश्व में विख्यात डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की स्मृति में उनके शालेय प्रवेश वाले दिवस को विद्यार्थी दिवस के तौर पर मनाया जाना चाहिए.
बता दें कि, डॉ. बाबासाहब आंबेडकर सातारा स्थित छत्रपति प्रतापसिंह महाराज हाईस्कूल के छात्र हुआ करते थे. जिसके चलते आज भी अस्तित्व में रहने वाले इस हाईस्कूल का अनन्य साधारण महत्व है तथा इस हाईस्कूल के प्रवेश अभिलेख में डॉ. बाबासाहब आंबेडकर का नाम एक छात्र के रुप में भीमा रामजी आंबेडकर के तौर पर दर्ज है तथा उनके नाम के साथ उनका प्रवेश क्रमांक 1914 भी लिखा हुआ है. इस हाईस्कूल में डॉ. बाबासाहब आंबेडकर का प्रवेश 7 नवंबर को हुआ था. जिसके चलते इस शाला में प्रतिवर्ष 7 नवंबर को विद्यार्थी दिवस मनाया जाता है. वहीं अब 7 नवंबर को देशभर में विद्यार्थी दिवस मनाये जाने की मांग उठाई जा रही है.