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नकली शराब गटकने से माहभर में 8 लोगों की मौत

वर्धा में शराब बंदी केवल नाम तक सीमित

* वर्षभर में पुलिस 2 करोड रुपए का शराब का जखिरा बरामद किया
* करीब साढे तीन हजार शराब विक्रेता गिरफ्तार हुए
वर्धा/ दि.30– वर्धा जिले में वर्ष 1974 में शराब बंदी हुई. परंतु यह केवल नाम तक सीमित है. आज की स्थिति में वर्धा जिले में बडे पैमाने पर शराब की बिक्री शुरु है. इसके कारण शासन का करोडों रुपयों का महसुल डूब रहा है, यह चौकाने वाली बात है. खास बात यह है कि, वर्धा जिले में नकली शराब के कारण पिछले माहभर में 8 से 9 लोगों की तबीयत खराब होकर इलाज के दौरान मौत हो गई. इस वजह से या तो शराब बिक्री खुली करे, या उसका स्थायी तोड निकालकर हमेशा के लिए शराब बंद की जाए, ऐसी मांग नागरिकों व्दारा जमकर की जा रही है.
जिले में बडे पैमाने पर शराब बेची जाती है. वर्धा जिले में महात्मा गांधी और विनोबा भावे की विरासत मिली है. 1974 में जिले में शराब ंबंदी का निर्णय लिया गया था. तब से वर्धा जिला ड्राय डिस्ट्रीक्ट के नाम से पहचाना जाता है, मगर आज की स्थिति में हकीकात अलग है. इसी जिले में पाबंदी न रहने वाले जिले से अधिक पैमाने में याने करोडों रुपयों की शराब बेची जाती है, यह भी उतना ही सच है.
पिछले वर्षभर में पुलिस विभाग ने 2 करोड रुपए से अधिक कीमत का शराब का जखिरा बरामद किया और साढे तीन हजार शराब विक्रेताओं को गिरफ्तार किये जाने की जानकारी है. इतना ही नहीं तो शराब तस्करी के लिए उपयोग किये जाने वाले वाहनों को भी बरामद किया गया है. शहर समेत जिले के विभिन्न ठिकाणों पर शराब की हो रही अवैध बिक्री पुलिस के सामने बडी चुनौती है, यह भी उतनी ही सच्चाई है.

नकली शराब का कहर
जिले में शराब बंदी होने के कारण नकली शराब का जहर भी बडे पैमाने में बेचा जा रहा है. वर्धा में मध्यप्रदेश, दिल्ली आदि राज्य की शराब बेची जाती है. यहां मिलने वाली शराब की बोतल के दर्जे पर भी प्रश्नचिन्ह निर्माण हुआ है. वर्धा में बडे पैमाने पर नकली शराब की खुलेआम हो रही बिक्री को देखते हुए नागरिकों के स्वास्थ्य पर होने वाला विपरित परिणाम खतरनाक व चिंताजनक है.

पुलिस के भी हाथ गिले
जिले में शराब बिक्री रोकने के लिए विभिन्न महिला मंडल की रनरागिनियों ने रास्ते पर उतरकर आंदोलन किये. बार-बार पुलिस विभाग को ज्ञापन सौंपकर लगातार प्रयास किये. मगर फिर भी जिले में शराब बंदी केवल नाम तक ही सीमित दिखाई दे रही है. इसके लिए भी कुछ पुलिस अधिकारी व कर्मचारी जिम्मेदार होने के कारण पूरे पुलिस विभाग की प्रतिमा मलिन होती जा रही है. इसके कारण इस ओर ध्यान देते हुए शराब बंदी विशेष पुलिस थाने की स्थापना करने की मांग की जा रही है.

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