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विधान परिषद की 6 सीटों के चुनाव में बडी बाधा

स्थानीय स्वायत्त निकायों की वजह से पेंच बढा

मुंबई/दि.29 – राज्य में विगत कुछ वर्षों से स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव ही नहीं कराये गये है. जिसे लेकर काफी होहल्ला भी हुआ है. क्योंकि जिला परिषद, महानगरपालिका, पंचायत समिति, नगर पालिका व नगर परिषद जैसे स्थानीय स्वायत्त निकायों में इच्छूकों को सदस्य के तौर पर चुनकर आने का अवसर नहीं मिला है. ऐसे में वे अपने-अपने क्षेत्र के स्थानीय स्वायत्त निकायों में चुनाव होने की प्रतक्षा कर रहे है. वहीं दूसरी ओर स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव लटके रहने का असर अब विधान परिषद की 6 सीटों के चुनाव पर पडने वाला है. क्योंकि इन 6 में से 1 सीट आगामी 31 मई को रिक्त होने जा रही है. वहीं 5 सदस्यों का कार्यकाल 21 जून को खत्म होने वाला है. ऐसे में रिक्त होने जा रही इन सीटों हेतु संबंधित स्थानीय स्वायत्त निकाय निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव करवाया जाना है. परंतु स्वायत्त निकायों मेें मतदाता के तौर पर निर्वाचित सदस्य ही नहीं रहने के चलते चुनाव ही नहीं करवाये जा सकते.
बता दें कि, स्थानीय स्वायत्त निकाय क्षेत्रों से विधान परिषद में कुल 9 सदस्य चुनकर भेजे जाने है. परंतु विगत दो वर्षों से इन सीटोें हेतु चुनाव का कोई मुहूर्त नहीं निकला है. इसी तरह राज्यपाल नामित सीटों के लिए भी उम्मीदवारों द्वारा प्रतिक्षा की जा रही है. परंतु यह सीटें भी लंबे समय से रिक्त पडी है. विधान परिषद में कुल 78 सीटें है. परंतु रिक्त हो चुकी और रिक्त होने जा रही सीटों के चलत जून माह के बाद विधान परिषद में सदस्य संख्या केवल 51 ही बचेगी.
ज्ञात रहे कि, राज्य में इस समय स्थानीय स्वायत्त निकायों का कामकाज प्रशासकों के हाथ में है. जिसके तहत 29 महानगरपालिकाओं, 27 नगरपालिकाओं, 26 जिला परिषदों तथा 289 पंचायत समितियों में प्रशासक राज चल रहा है. क्योंकि ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं विचाराधीन रहने के चलते चुनाव अधर में अटके पडे है.

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