16 से 25 अगस्त तक राज्य में हुआ बडा राजनीतिक सर्वे
लाडली बहन योजना का नहीं हुआ असर, पिछड रही महायुति
* सर्वे में मविआ को 155 व महायुति को 122 सीटें
मुंबई /दि.2- महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए महायुति और महाविकास आघाडी दोनों ने ही सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई है, लेकिन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री कौन होगा और महाराष्ट्र में किसकी सरकार बनेगी, इसको लेकर भले ही महायुति और महाविकास आघाडी दोनों के घटकों में बयानबाजी होती आई है. ऐसे में अब जब महाराष्ट्र चुनावों के ऐलान में सिर्फ एक महीना बाकी रह गया है तब हाल ही में हुए एक सर्वे में दिलचस्प तस्वीर उभरकर सामने आई है. जिसके मुताबिक लाडली बहन जैसी महत्वाकांक्षी योजना चलाने के बावजूद राज्य में महायुति पिछडती देखी जा रही है. विगत 16 से 25 अगस्त के दौरान करवाये गये इस सर्वे के मुताबिक यदि आज राज्य में चुनाव होता है, तो महाविकास आघाडी को 155 तथा महायुति को मात्र 122 सीटों पर जीत मिलती दिखाई दे रही है.
बता दें कि, लोकसभा चुनावों में बड़े उलटफेर के बाद पूरे देश की नजरें अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों पर लगी हुई हैं. वहीं विधानसभा चुनाव में सत्ता पर काबिज महायुति और विपक्ष के गठबंधन महाविकास आघाड़ी में मजबूत टक्कर होने की उम्मीद की जा रही है. जिसके चलते मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली महायुति सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एक बड़ा दांव खेला है. सरकार ने मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना लांच की है. महायुति की इस महत्वाकांक्षी योजना के बाद राज्य में कितना असर पड़ रहा है? महाराष्ट्र में अगर अभी चुनाव हो जाएं तो क्या तस्वीर उभर सकती है? मुंबई और समेत राज्य के बाकी जिलों में महायुति और महाविकास आघाडी की क्या स्थिति रह सकती है? इसका अनुमान एक ताजा सर्वे में सामने आया है. महाराष्ट्र के वरिष्ठ सेफोलॉजिस्ट दयानंद नेने ने 16 अगस्त से 25 अगस्त के बीच एक बड़ा सर्वे किया है. एम्पिरीकल और मास सर्वे के नतीजों में सामने आया है कि लाडली बहन योजना महायुति के पक्ष के कोई बड़ी लहर पैदा नहीं कर रही है. राज्य में कानून व्यस्था के साथ बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है. सर्वे में शामिल लोगों से महायुति और महाविकास आघाडी के साथ अन्य में पसंद और वोट करने के लिए पूछा गया. इसमें मनसे को भी अन्य की श्रेणी में रखा गया, तो सर्वे में चौंकाने वाली तस्वीर उभरी. इसमें साफ हुआ कि राज्य में लाडली बहन योजना लांच होने के बाद भी लोगों के मन-मस्तिष्क में बड़ा परिवर्तन नहीं हुआ है.
जब लोगों से महायुति के प्रदर्शन के बारे में पूछा गया तो 28 फीसदी लोगों ने अच्छा, 20 फीसदी ने संतोषजनक, 20 फीसदी ने खराब, 21 फीसदी ने असंतोषजनक और 11 फीसदी ने पता नहीं कहा. नेने ने अपने जुलाई के अंत के सर्वे में महाविकास अघाडी (एमवीए) को 158 सीटें और महायुति को 122 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया था. अब, डेढ़ महीने बाद किए गए दूसरे सर्वेक्षण में सामने आया है कि जनता की राय में अभी भी कोई खास अंतर नहीं हुआ है. आज महाविकास अघाडी 158 के मुकाबले 152 पर है, जबकि महायुति 122 के मुकाबले 123 पर स्थिर है.
* कौन कहां किस क्षेत्र में मजबूत?
राज्यव्यापी इस बड़े सर्वे में साफ हुआ है कि महाविकास अघाडी विदर्भ, मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र में मजबूत दिख रहा रहा है जबकि महायुति उत्तरी महाराष्ट्र, ठाणे, कोंकण और पुणे में मजबूत है. मुंबई में महाविकास अघाडी आगे है लेकिन ऐसा लग रहा है कि मुंबई में लड़ाई खत्म हो जाएगी. महायुति में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी होगी. इसके बाद शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और फिर अजित पवार की एनसीपी होगी. इसी प्रकार महाविकास अघाडी में कांग्रेस के बाद शिवसेना यूबीटीऔर शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी होगी. अगस्त के आखिर तक के इस सर्वे में महाविकास आघाडी (कांग्रेस, शिवसेना उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार) को 152 सीटें मिलने का अनुमान सामने आया है. महायुति (बीजेपी, शिवसेना शिंदे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अजित पवार) को 123 सीटें मिल रही हैं. अन्य के खाते में 13 सीटें जाने की संभावना सामने आई है. राज्य में महायुति और महाविकास आघाडी के बीच ही चुनावी मुकाबला होने की तस्वीर उभरी है.
* सीएम के तौर पर फडणवीस पहली पसंद
महाराष्ट्र के वरिष्ठ सेफोलॉजिस्ट दयानंद नेने ने 16 अगस्त से 25 अगस्त के बीच राज्य में सर्वे किया था. इसमें उन्होंने लोगों से पूछा था कि वे किसको अगले मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं, तो इसमें 23 फीसदी लोगों ने देवेंद्र फडणवीस को सीएम के तौर देखने की इच्छा व्यक्त की. इसके बाद दूसरे नंबर पर उद्धव ठाकरे रहे. उन्हें इस सर्वे में 21 फीसदी वोट मिले. तीसरे नंबर पर मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे रहे. उन्हें फिर से मुख्यमंत्री के तौर पर देखने के 18 फीसदी लोगों ने अपना समर्थन ने दिया. सर्वे में अजित पवार और सुप्रिया सुले को सात-सात फीसदी वोट मिले, जब महाराष्ट्र कांग्रेस के चीफ नाना पटोले को सिर्फ 2 फीसदी लोगों ने अपनी पंसद बताया. सर्वे में 22 फीसदी लोगों ने ‘डोन्ट नो (पता नही)’ का विकल्प भी चुना.
* अक्टूबर में ऐलान, नवंबर में चुनाव
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों का ऐलान 9 अक्तूबर को संभव है. ऐसे में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के लिए वोटिंग 15 से 20 नवंबर के बीच हो सकी है. राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि चुनाव आयोग जम्मू कश्मीर और हरियाणा के चुनाव परिणाम आने के बाद महाराष्ट्र चुनावों का ऐलान कर सकता है. महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं. 2019 के चुनावों में बीजेपी 105 सीटें लेकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. तब वह शिवसेना के साथ मिल लड़ी थी. पिछले पांच सालों में राज्य की राजनीति काफी बदल चुकी है. शिवसेना दो भागों में विभाजित है. ऐसी ही स्थिति राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की है. ऐसे में 2024 विधानसभा चुनावों को बेहद निर्णायक और दिलचस्प माना जा रहा है.