वणी विधानसभा के बागी पर भी कार्रवाई
शिवसेना ने पांच बडे बागी नेताओं को पार्टी से निकाला
* सूची में प्रीति बंड का नाम नहीं
मुंबई/दि. 5- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि पर उध्दव ठाकरे की शिवसेना द्बारा बागियों पर बडी कार्रवाई की गई है. बागियों पर कार्रवाई करते समय उध्दव ठाकरे ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण 5 नेताओं को पार्टी से निकाल दिया है. इसमें भिवंडी के पूर्व विधायक रूपेश म्हात्रे, वणी विधानसभा के जिला प्रमुख विश्वास नांदेकर, झरी तहसील प्रमुख चंद्रकांत घुगुल, मोरगांव तहसील प्रमुख संजय आवारी और वणी तहसील प्रमुख प्रशांत ठाकरे का समावेश है. शिवसेना ने पांच बडे बागी नेताओं को पार्टी से निकाल दिया. लेकिन आज जारी की इस सूची में बडनेरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवारी न मिलने के बाद पार्टी से बगावत कर निर्दलीय के रूप में चुनाव लडनेवाली पूर्व विधायक स्व. संजय बंड की पत्नी प्रीति बंड का नाम नहीं है.
उध्दव बालासाहेब ठाकरे शिवसेना के भिवंडी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र संपर्क प्रमुख रूपेश म्हात्रे की पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण शिवसेना पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे के आदेश पर उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया है. रूपेश म्हात्रे ने भिवंडी पूर्व विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लडने का निर्णय लिया. साथ ही पार्टी विरोधी वक्तव्य और गतिविधियों के कारण उन्हें निकाल दिया गया. इसके अलावा वणी के विश्वास नांदेकर, झरी के चंद्रकांत घुगुल, मारेगांव के संजय आवारी और वणी के प्रसाद ठाकरे को भी पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निकाल दिया गया है, ऐसी जानकारी शिवसेना उबाठा पार्टी के मध्यवर्ती कार्यालय ने दी है. शिवसेना के इन पांच बडे बागी नेताओं को भले ही पार्टी से निकाला हो. लेकिन बडनेरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी से बगावत कर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड रही प्रीति बंड का नाम इस कार्रवाई में नहीं है, यह विशेष.
* उध्दव ठाकरे ने बागियों को दिया था अल्टीमेटम
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन वापिस लेने का सोमवार 4 नवंबर को अंतिम दिन था. शिवसेना ठाकरे गुट सहित अन्य मित्रदलों ने ऐसे अनेक नेता थे. जिन्होंने बागी के रूप में निर्दलीय नामांकन भरा था. ऐसी परिस्थिति में आघाडी के प्रमुख नेता शरद पवार और उध्दव ठाकरे ने अपने बागी नेताओं को अंतिम अवसर देते हुए अल्टीमेटम दिया था. समय पर चुनाव मैदान से पीछे न हटने पर पार्टी की तरफ से कडी कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई थी. इस कारण अनेक नेताओं ने अपने नाम पीछे ले लिए थे. लेकिन अनेक लोग अपने निर्णय पर कायम रहे. अब उध्दव ठाकरे की पार्टी ने इन नेताओं पर कार्रवाई की है.