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प्रदेश पर 35 हजार करोड का अतिरिक्त भार

वोटर्स को रिटर्न गिफ्ट भारी न पड जाये

* किसानों और महिलाओं हेतु योजनाएं
नागपुर /दि.26- चुनावी वादों को पूरा करने की वजह से महाराष्ट्र शासन पर अगले कुछ माह में 35 हजार करोड का अतिरिक्त बोझ बढने की आशंका जानकारों ने व्यक्त की है. उनका कहना है कि, अंगणवाडी सेविका के मानधन में की गई बढोत्तरी से 166 करोड, लाडली बहन योजना से 4612 करोड, बेरोजगार भत्ता बढाये जाने से 3 हजार करोड, किसान निधि के लिए 634 करोड और बुजुुर्गों को निवृत्ति पर 361 करोड का खर्च होना है. जिससे राज्य की तिजोरी पर भार बढने वाला है.
* जीडीपी घाटा बढेगा
जानकारों ने कहा कि, भाजपा नेतृत्ववाली महायुति भले ही भारी बहुमत से चुनाव जीतकर सरकार बनाने जा रही है, किंतु इस सरकार के वादें पूरे करने से राज्य का घाटा सकल उत्पाद का 2.8 प्रतिशत हो जाएगा. यह अब तक का सर्वाधिक घाटा रहने का दावा करते हुए बताया गया कि, लाडली बहन योजना में 2.56 करोड महिलाओं को मासिक राशि बढाकर 2100 रुपए की जा रही है. ऐसे ही नमो किसान महासम्मान योजना में किसानों को हर वर्ष 15 हजार रुपए दिये जाने हैं. इससे भी अतिरिक्त 630 करोड रुपए का खर्च होगा.
* फिलहाल 1.1 लाख करोड का घाटा
अजीत पवार ने गत जुलाई में लोकसभा चुनाव पश्चात 1.1 लाख करोड के जीएसडीपी घाटे का बजट प्रस्तुत किया था. राज्य को चालू वित्त वर्ष में 3.4 लाख करोड के राजस्व में ही 2.6 प्रतिशत खर्च करना पड रहा है. ऐसे में निवेश खर्च पर परिणाम होने और राज्य का वित्तीय घाटा 3.15 प्रतिशत पर पहुंच जाने की आशंका जतायी गई है.
* नये आश्वासन से हस्तांतरण
सरकार ने चुनाव में कई नये आश्वासन दिये हैं. जिन्हें पूर्ण करने के लिए 64,652 करोड रुपए लगने वाले है. केवल आश्वासनों की पूर्ति करने से ही राज्य शासन का बजट गडबडा जाने की आशंका वित्तीय जानकार व्यक्त कर रहे हैं. शासन ने लाडली बहन योजना में 40 प्रतिशत रकम बढा दी है. जबकि सियासी जानकार यह भी कह रहे है कि, महायुति की विजय में लाडली बहन योजना का बडा योगदान है.

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