कोल्हापुर /दि.26– हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए आगामी चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ कराने के निर्देश दिये है. जिससे ओबीसी समाज को बडी राहत मिली. लेकिन अब ओबीसी समाज के बाद मराठी समाज आरक्षण के लिए आक्रमक भूमिका में उतरा है. फिर एक बार मराठा आरक्षण की मांग जोर पकड रही है. मराठा आरक्षण के लिए मराठा क्रांति ठोक मोर्चा द्बारा सरकार को 9 अगस्त तक का अल्टीमेटम जारी किया गया है. मराठा आरक्षण के बगैर चुनाव लेने का प्रयास हुआ, तो उसका कडा विरोध किया जाएगा, ऐसा क्रांति मोर्चा के आबासाहब पाटील ने बताया. मराठा आरक्षण के लिए जल्द ही बडा आंदोलन करने की जानकारी भी उन्होंने दी. जिससे अब मराठा आरक्षण को शिंदे-फडणवीस सरकार की भूमिका क्या रहती है, यह सवाल उपस्थित हुआ है.
विगत कई वर्षों से मराठा आरक्षण का मुद्दा लंबित है. इसके लिए राज्य भर में आंदोलन हुए छत्रपति संभाजी राजे ने भी राज्य मेें दौरे पर मराठा समाज के नेता व कार्यकर्ताओं से संवाद साधा. मुंबई से दिल्ली तक की नेताओं से उन्होंने भेंट की. कोर्ट में भी यह मामला पहुंचा लेकिन अभी तक मराठा आरक्षण को लेकर कोई निर्णय नहीं हो पाया है.
शुरुआत में मराठा आरक्षण की मांग जोर पकडने से नारायण राणे की अध्यक्षता में गठित समिति की शिफारिश पर 16 प्रतिशत मराठा आरक्षण दिया गया था. लेकिन यह मामला हाईकोर्ट में जाने के बाद 16 प्रतिशत मराठा आरक्षण 13 प्रतिशत पर आ गया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार द्बारा दिया गया. मराठा आरक्षरण रद्द कर दिया. जिससे फिर एक बार मराठा आरक्षण का मुद्दा फिर एक बार उठा है.