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हाईकोर्ट के हस्तक्षेप पश्चात बुलडोजर पर दुबारा रोक

अहफाज अफसर व मो. सफवान के घर तोडे जाने से बचे

* बुलडोजर कार्रवाई पर नागपुर खंडपीठ ने दी अंतरिम स्थगिती
नागपुर/दि.28 – विगत दिनों नागपुर में भडके दंगा मामले के आरोपी अहफाज अफसर व मो. सफवान अब्दुल रशीद के घर पर की जानेवाली बुलडोजर कार्रवाई पर गत रोज मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने अंतरिम स्थगिती दी. वहीं इससे पहले उच्च न्यायालय के आदेशानुसार तीन आरोपियों के घर पर की जानेवाली तोडू कार्रवाई को रोक दिया गया था. जिसके चलते हाईकोर्ट द्वारा अंतरिम स्थगिती दिए गए मामलों की संख्या अब 5 हो गई है.
बता दें कि, नागपुर दंगा मामले के आरोपियों के नाम पुलिस द्वारा महानगर पालिका के पास दिए जाने के बाद अधिकारियों द्वारा सभी आरोपियों की संपत्ति की जांच-पडताल करते हुए उन्हें नोटिस भेजी जा रही है. जिसके बाद अब तक 5 आरोपियों के रिश्तेदारों ने इन नोटिसों के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है. गुरुवार को दाखिल याचिका में कलमना निवासी दो आरोपियों के घरों का समावेश है. जिन्हें मनपा ने 21 मार्च 2025 को नोटिस जारी कर अवैध बताते हुए गिरा देने का आदेश जारी किया था. जिसके खिलाफ नागपुर दंगा मामले के आरोपी अहफाज अफसर के भाई व मो. सफवान की पत्नी द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. जिस पर न्या. नितिन सांबरे व न्या. वृषाली जोशी की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई. जिसके बाद अदालत ने बुलडोजर कार्रवाई पर स्थगिती दी.
ज्ञात रहे कि, नागपुर दंगा मामले के मुख्य आरोपी फईम खान के घर पर कार्रवाई किए जाने के चलते अदालत ने महानगर पालिका को कडी फटकार लगाई थी और इस कार्रवाई को पक्षपाती बताया था. सोमवार को जारी आदेश अदालत ने गुरुवार को दाखिल दोनों याचिकाओं के लिए लागू किया और मनपा आयुक्त को नोटिस जारी कर आगामी 15 अप्रैल तक जवाब पेश करने का निर्देश भी जारी किया. उल्लेखनीय है कि, गत वर्ष नवंबर माह में भी सुप्रीम कोर्ट ने देश में बुलडोजर कार्रवाई पर लगाम लगाने हेतु विस्तृत नियमावली तैयार की थी. जिसका उल्लेख करते हुए नागपुर हाईकोर्ट ने कहा कि, नागपुर महानगर पालिका ने सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना की है.

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