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अजित पवार गुट को मिला दो सप्ताह का समय

विधायकों की अपात्रता का मुद्दा

मुंबई/दि.8 – विधायकों की अपात्रता के मुद्दे पर अजित पवार गुट ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से एक माह की अवधि मांगी है. परंतु हकीकत में खुद अध्यक्ष को ही सुनवाई हेतु दिया गया समय काफी कम रहने के चलते अजित पवार गुट को कितनी समयावधि दी जाए. इसे लेकर काफी संभ्रम बन गया है. ऐसे में किसी भी स्थिति में अजित पवार गुट को दो सप्ताह से अधिक समय नहीं दिया जा सकता. इस बात को लेकर विधान मंडल सचिवालय में सहमति बनी है.
बता दें कि, शिवसेना के साथ-साथ विधायकों की अपात्रता के मुद्दे पर अब राष्ट्रीवादी कांग्रेस पार्टी में भी दो गुट आमने-सामने आ गए है. पार्टी का अनुशासन तोडने के चलते अजित पवार गुट के विधायकों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें अपात्र ठहराए जाने की मांग शरद पवार गुट द्वारा की गई थी. इसी तरह अजित पवार गुट की ओर से भी शरद पवार गुट के विधायकों को अपात्र घोषित करने की मांग विधानसभा अध्यक्ष के पास की गई थी. इस संदर्भ में दोनों गुट के 51 विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने नोटीस जारी करते हुए अपना पक्ष रखने हेतु कहा था. जिसके बाद शरद पवार गुट के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए स्पष्ट कर दिया था कि, उन्होंने किसी भी तरह से अनुशासन भंग नहीं किया है. वहीं शरद पवार गुट ने अपना पक्ष रखने हेतु एक सप्ताह की अवधि मांगी है. चूंकि शिवसेना के बागी विधायकों की अपात्रता के संदर्भ में विधानसभा अध्यक्ष को 31 दिसंबर तक निर्णय लेना है. इसी दौरान राकांपा के विधायकों की सुनवाई हेतु दस्तावेज तैयार करने की प्रक्रिया शीतकालीन अधिवेशन के समय ही श्ाुरु की जाएगी और राष्ट्रवादी कांग्रेस से संबंधित सुनवाई को खत्म कर विधानसभा अध्यक्ष को 31 जनवरी 2024 तक अंतिम निर्णय लेना है. जिसके चलते अजित पवार गुट को अपना पक्ष रखने हेतु एक माह की बजाय केवल दो सप्ताह का अतिरिक्त समय ही दिया जाएगा.

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