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आरक्षण बचाओ यात्रा निकालेंगे आंबेडकर

एससी, एसटी और ओबीसी का हक बचाने ऐलान

* विधानसभा से पहले राज्य का माहौल गर्म
* 1 अगस्त को अमरावती आ सकती है
छत्रपति संभाजी नगर/दि.16- वंचित बहुजन आघाडी प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने प्रदेश में सरकारी नौकरियों और सुविधाओं में आरक्षण को लेकर पहले से ही गर्म वातावरण में छौंक लगा दी. जब उन्होंने एससी और एसटी सहित ओबीसी आरक्षण बचाओ यात्रा निकालने का ऐलान आज दोपहर यहां आयोजित प्रेस वार्ता में किया. उनकी यह यात्रा 1 या 2 अगस्त को अमरावती पहुंच सकती है. विविध जिलो से होते हुए यात्रा 7 या 8 अगस्त को छत्रपति संभाजी नगर पहुुंचेगी. जहां विशाल रैली के माध्यम से उसका समापन होगा.
* इन जिलों से जायेगी यात्रा
आगामी 25 जुलाई को दादर चैत्यभूमि से बालासाहब आंबेडकर यात्रा का आगाज करेंगे. वहां से यात्रा कोल्हापुर, सांगली, सोलापुर- उस्मानाबाद, बीड, लातूर, नांदेड, यवतमाल, अमरावती, अकोला बुलढाणा, वाशिम, जालना जायेगी.
क्या कहा आंबेडकर ने
प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि कुछ लोग नामांतर आंदोलन की याद दिला रहे हैं. दो गुट हो गये हैं. प्रगतिशील महाराष्ट्र की दृष्टि से ओबीसी विरूध्द मराठा ऐसा विवाद श्रीमंत मराठो द्बारा छेडने का आरोप आंबडेकर ने किया. आंबेडकर ने कहा कि मुख्यमंत्री द्बारा सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी. उस बैठक में सभी मराठा नेता कांग्रेस शिवसेना ठाकरे गट और एलसीबी के उपस्थित नहीं हुए थे. वंचित बहुजन आघाडी ने इसी पर सवाल उठाया था कि इन दलों की भूमिका क्या है ? आंबेडकर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस, भाजपा, राकांपा, उध्दव ठाकरे गट, शिंदे गट आदि अमीर मराठों के दल है. जब तक यह लोग स्पष्ट भूमिका नहीं रखेंगे तब तक हल नहीं निकलेगा.
* वंचित का सुझाव
आंबेडकर ने कहा कि उन्होने सीएम को सभी दलों के नेताओं को पत्र लिखकर उनकी भूमिका पूछने का सुझाव दिया था. मनोज जरांगे ने ओबीसी कोटे से मराठा को आरक्षण देने की मांग की है. इस बारे में दलों की राय जानने पर ही समाधान खोजा जा सकता हैं. आंबेडकर ने कहा कि उनके सुझाव को सीएम ने मान्य किया था. मगर अभी तक उन्हें अथवा वंचित आघाडी को पत्र नहीं मिला है.
विदर्भ तक फैलेगी आंदोलन की आंच
वंचित बहुजन आघाडी के सर्वेसर्वा आंबेडकर ने कहा कि मराठा आरक्षण आंदोलन अब केवल मराठवाडा तक सीमित नहीं रह गया है. विदर्भ के वाशिम और बलढाणा जिले के कुछ भागों में इफेक्ट होेने की संभावना हैं. पश्चिम महाराष्ट्र और खानदेश की ओर भी आंदोलन धीरे-धीरे फैल रहा है. उन्होंने बताया कि 25 जुलाई को चैत्य भूमि से यात्रा प्रारंभ कर अगले दिन 26 जुलाई को पुणे को फुलेवाडा जाने का प्रयास होगा. फिर सांगली, कोल्हापुर आगे बढेंगे.

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