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गुड गवर्नन्स में अमरावती राज्य में चौथे स्थान पर

सुशासन अहवाल प्रकाशित

* मिले 509 अंक, नागपुर प्रदेश में अव्वल
नागपुर /दि.14- राज्य शासन द्वारा सुशासन अहवाल जारी किया गया है. जिसमें 509 अंक प्राप्त कर अमरावती प्रदेश में चतुर्थस्थान पर रहा. वहीं 537 अंकों के साथ नागपुर अव्वल और नाशिक दूसरे नंबर पर आया है. देखा जाये, तो पुणे, मुंबई जैसे शहरों की तुलना में विदर्भ तथा मराठवाडा के शहरों-गांवों का रिकॉर्ड गुड गवर्नन्स में बेहतर कहा जा सकता है. किंतु यह भी उतना ही बडा सत्य है कि, 1 हजार अंकों में से कई जिले कम अंक पर रहे. जिससे उन्हें नापास कह सकते हैं. 33 जिले को गुड गवर्नन्स में आधे भी अंक नहीं मिल सके. उनमें यवतमाल, वाशिम, जलगांव, पुणे, सांगली, सोलापुर, धुले, लातूर, कोल्हापुर, अहिल्यानगर, छत्रपति संभाजी नगर जिले शामिल है. इन जिलों को 40 प्रतिशत भी अंक प्राप्त नहीं हुए हैं.
* 10 बातों पर कसा गया
10 विषयों पर जिला का सुशासन आंका गया. उनमें प्राप्त अंकों के आधार पर जो क्रमवार सूची जारी हुई है. वह इस प्रकार है – नागपुर, नाशिक, रायगड, अमरावती, पुणे, कोल्हापुर, सांगली, पालघर, गोंदिया, भंडारा, वाशिम, छत्रपति संभाजी नगर, चंद्रपुर, वर्धा, सोलापुर, सातारा, बुलढाणा, यवतमाल, मुंबई उपनगर, सिंधुदुर्ग, रत्नागिरी, परभणी, लातूर, अकोला, ठाणे, जालना, मुंबई, नांदेड, हिंगोली, धुले, अहिल्यानगर, धाराशिव, जलगांव, गडचिरोली, बीड और नंदूरबार.

* बीड जिला काफी पीछे
फिलहाल प्रदेश में बीड जिले के सरपंच की हत्या का प्रकरण गूंज रहा है. सुशासन अहवाल में बीड जिले को 100 में से मात्र 26 गुण प्राप्त हुए है. सामाजिक विकास मेें भी बीड 32 वें स्थान पर है. न्याय और लोकसुरक्षा में यह जिला अंतिम पायदान पर रहने की जानकारी रिपोर्ट में दी गई है. उल्लेखनीय है कि, 10 मुद्दों पर जिला प्रशासन का कामकाज आंका गया.

 

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