अंगणवाडी सबलीकरण से होगा पूर्व प्राथमिक शिक्षा स्तर मजबूत
विधायक सुलभा खोडके ने पत्रवार्ता में उठाया मुद्दा

* अंगणवाडी केंद्रो में सुविधाओं हेतु बजट में निधि दिए जाने की उठाई मांग
मुंबई/दि. 10 – राज्य में पूर्व माध्यमिक शिक्षा की नीव को मजबूत करने हेतु अंगणवाडियों का शैक्षणिक व सर्वांगिण विकास करने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है, परंतु इसके बावजूद राज्य में अंगणवाडियों की जबरदस्त दुरावस्था हुई दिखाई देती है. ऐसे में राज्य की अंगणवाडियों में सभी तरह सी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु सरकार द्वारा क्या कार्रवाई की गई यह सवाल अमरावती की विधायक सुलभा खोडके ने राज्य विधान मंडल के बजट अधिवेशन दौरान उपस्थित किया है तथा अंगणवाडी केंद्रों में सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु बजट में निधि दिए जाने की मांग उठाई है.
इस विषय को लेकर विधायक सुलभा खोडके ने कहा कि, शालेय जीवन की शुरुआत अंगणवाडी से होती है और बालसंस्कार व मूल्य शिक्षा देनेवाली अंगणवाडियों से ही प्राथमिक शिक्षा की नीव मजबूत होती है. जिसके चलते राज्य की अंगणवाडियों में हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है, परंतु राज्य की करीब एक लाख अंगणवाडियों में आधी अंगणवाडियां दुरावस्था का शिकार है. जहां पर इमारत, रास्ते, पानी व बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. विधायक खोडके ने यह भी बताया कि, राज्य में करीब 30 हजार अंगणवाडियां किराए की जगह में कार्यरत है और अमरावती जिले के ग्रामीण व आदिवासी प्रकल्पों में कार्यरत 2592 अंगणवाडी केंद्रों के कमरे टूटफूट गए है. कई स्थानों पर एकात्मिक बालविकास सेवा योजना का कार्यालय भी नहीं है. इसके चलते अंगणवाडी सेविकाओ, सहायिकाओं, विद्यार्थियों व अधिकारियों को बडे पैमाने पर असुविधाओं का सामना करना पडता है. ऐसे में सरकार ने इसकी पडताल करते हुए राज्य की सभी अंगणवाडियों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु जगह व इमारत के लिए निधि उपलब्ध कराने के संदर्भ में कौनसी कार्रवाई की और इस कार्रवाई में हुए विलंब की वजह क्या रही, इसका स्पष्टीकरण भी विधायक सुलभा खोडके ने इस अधिवेशन के दौरान सरकार से मांगा है.
अंगणवाडियों के शैक्षणिक व सर्वांगिण विकास हेतु अंगणवाडी केंद्रों के निर्माण व दुरुस्ती, पीने के पानी की सुविधा, शौचालय व्यवस्था व विद्युत आपूर्ति जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए मार्च 2025 के बजट में भरपूर निधि का प्रावधान करने की मांग भी विधायक सुलभा खोडके द्वारा की गई है. जिस पर राज्य की महिला व बालविकास मंत्री अदिती तटकरे ने लिखित जवाब देते हुए बताया कि, राज्य में केवल अपनी मिल्कीयतवाली जगह नहीं रहनेवाले अंगणवाडी केंद्र ही किराए की इमारत में चल रहे है. महिला व बाल सशक्तीकरण योजना हेतु जिला वार्षिक योजना सर्वसाधारण अंतर्गत करीब 3 फीसद आरक्षित निधि स्थायी तौर पर उपलब्ध कराई गई है. इस निधि के जरिए अंगणवाडी केंद्र के निर्माण व दुरुस्ती तथा जलापूर्ति व विद्युत आपूर्ति के काम करने का प्रावधान किया गया है. सन 2024-25 के आर्थिक वर्ष दौरान राज्य के ग्रामीण, आदिवासी व नागरी प्रकल्प के अंगणवाडी केंद्रो को लिए निधि उपलब्ध कराई गई है.