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नौसेना की कैप मिलते ही मां को पहनाकर ठोंका ‘कडक सैल्यूट’

कारंजा घाडगे के कार्तिक बाजारे का नेवी में हुआ सब लेफ्टीनेंट के पद पर चयन

* पासिंग आउट परेड को पूरा करते हुए कार्तिक बना नौसेना का अधिकार
वर्धा/दि.6 – हालात के चलते अपने सपनों को कई लोग बीच में ही अधूरा छोड देते है. लेकिन कुछ लोग विपरित स्थिति से जुझते हुए अपने सपनों को पूरा करने व माता-पिता को बिल्कुल भी निराश नहीं करने का निर्णय लेते है. ऐसा ही कुछ हौसला कारंजा घाडगे के निवासी कार्तिक राजू बाजारे नामक युवक ने भी रखा था. जिसकी अब भारतीय नौसेना में सब लेफ्टीनेंट पद पर नियुक्ति हुई है और पासिंग परेड में नौसेना अधिकारी के तौर पर चुने जाते ही कार्तिक बाजारे को भारतीय नौसेना की कैप भी प्राप्त हुई. जिसे उसी समारोह में उपस्थित अपनी मां को पहनाते हुए कार्तिक बाजारे ने अपनी मां को एकदम कडक सैल्यूट ठोंका. साथ ही कहा कि, यहां तक की यात्री केवल और केवल मां के त्याग व प्रेरणा से ही संभव हुई है.
उल्लेखनीय है कि, कारंजा परिसर में नौसेना अधिकारी बनने वाला कार्तिक बाजारे पहला युवक है. कार्तिक की प्राथमिक शिक्षा गांव में ही पूरी हुई थी और वह बचपन से ही सेना में जाना चाहता था. कक्षा 10 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण होने पर कार्तिक को उसका सपना बुलाने लगा था. कार्तिक के पिता एक निजी कंपनी में अत्यल्प वेतन पर नौकरी करते थे. ऐसे में कार्तिक को व्यवसायिक पाठ्यक्रम की ओर भेजने की बजाय परिवार ने उसकी रुची को देखते हुए उसे शाहापुर स्थित डिफेंस अकादमी में एनडीए परीक्षा की तैयारी हेतु भेजा. जहां पर वैद्यकीय परीक्षण में चयन का पहला अवसर चूक जाने के बाद उसी तैयारी के आधार पर कार्तिक ने इंडियन नेवी टेक एंट्री अंतर्गत सैन्य अधिकारी बनने की तैयारी की और फिर परीक्षा और साक्षात्कार में उत्तीर्ण होने के बाद कार्तिक को केरल के एझीम स्थित इंडियन नेवल अकादमी में प्रशिक्षण हेतु भेजा गया. जहां पर 12 माह का कठीन प्रशिक्षण पूरा करने के बाद कार्तिक बाजारे की भारतीय नवसेना में सब लेफ्टीनंट पद पर नियुक्ति हुई. इसके उपरान्त पासिंग आउट परेड यानि दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ. जिसमें कार्तिक के माता-पिता ज्योत्स्ना व राजू बाजारे सहित उसके कुछ मित्र भी उपस्थित थे. जिन्होंने कार्तिक को परेड में बडी शान के साथ मार्च पास्ट करते देखा और कार्तिक के मां के आंखों में खुशी के आंसू छलक पडे. इस समय पासिंग आउट परेड के बाद समय मिलते ही कार्तिक अपनी मां के पास दौडता हुआ पहुंचा तथा अपने सिर पर रहने वाली भारतीय नौसेना की कैप को मां के सिर पर पहनाते हुए अपनी मां को कडक सैलूट ठोंका. साथ ही कहा कि, यह उपलब्धि मां के त्याग व प्रेरणा की वजह से मिली है और इस उपलब्धि का पूरा श्रेय मां को ही जाता है. साथ ही कार्तिक ने यह भी कहा कि, वह एक बेहतरीन नौसैनिक बनने का प्रयास करेगा और उसकी वजह से उसके परिवार व देश को नीचा देखना पडे, ऐसा कोई कृत्य नहीं करेगा, बल्कि एक देशाभिमानी अधिकारी के तौर पर काम करेगा.

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