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अस्मिता योजना बंद ः राज्य में सॅनिटरी पॅड की दो महीने से आपूर्ति नहीं

दो महीने पूर्व ही खत्म हुआ करार, नये करार को आपूर्तिदारों की मनाही

* ग्रामीण भाग की महिला, युवतियों को नहीं मिल रहा सॅनिटरी पॅड
बीड/दि.28– ग्रामीण भाग की महिला व शालेय किशोरवयीन युवतियों को मासिक धर्म के समय सेनिटरी पॅड उपलब्ध हो, इसके लिए भाजपा सरकार के समय शुरु की गई अस्मिता योजना बंद पड़ी है. कोरोना काल के लॉकडाऊन के बाद यह योजना धीरे-धीरे बंद होने की कगार पर ही थी. अब आपूर्तिदारों के साथ करार खत्म होने से दो महीने से राज्य में आपूर्ति नहीं हुई है.
भाजपा सरकार के काल में अस्मिता योजना शुरु की गई थी. शुुरुआत से ही इस योजना को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. 2018 में योजना का शुभारंभ होने के पश्चात पॅड की गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह उपस्थित हुआ. पश्चात इसमें सुधार करने में वर्ष बीत गये. 2019 में यह योजना अच्छी तरह से चली. 50 हजार बचत गटों ने राज्य में बिक्री के लिए पंजीयन किया था. 45 हजार ऑर्डर प्राप्त हुए थे. मात्र 2020 में लॉकडाऊन लगा और यातायात बंद होने का कारण बताते हुए पॅड की आपूर्ति रोकी गई. सितंबर 2021 तक यह आपूर्ति बंद ही थी. बाद में वह शुरु की गई. लेकिन प्रतिसाद नहीं मिला. इस समय 5 हजार ही ऑर्डर राज्यभर से मिलने की जानकारी सूत्रों ने दी.
दरमियान सेनिटरी पॅड की आपूर्ति करने के लिए तीन आपूर्तिदारों के साथ शासन ने 2018-19 में तीन वर्ष के लिए करार किया था. इनमें से एक आपूर्तिदार से कम गुणवत्ता के पॅड की लगातार आपूर्ति कियेजाने से उसे ब्लॅकलिस्ट किया गया व अन्य दो आपूर्तिदारों से ही सेनिटरी पॅड स्वाकारे जाते थे. मार्च 2022 में इसके साथ का करार खत्म होने के पश्चात दो महीने बीत जाने के बावजूद नया करार नहीं हुआ.

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योजना शुरु रखी जाये
ग्रामीण भागों की किशोरवयीन लड़कियों व महिलाओं को मासिक धर्म के दिनों में स्वच्छता रखने व उनके स्वास्थ्य की समस्या निर्माण न हो, इसके लिए यह योजना हमने शुरु की थी. इस सरकार ने यह योजना बंद नहीं करनी चाहिए. ग्रामीण महिलाओं के लिए यह महत्वपूर्ण योजना है. योजना को आगे भी शुरु रखने के लिए सरकार द्वारा प्रयास किए जाये.
– पंकजा मुंडे, पूर्व ग्रामविकास मंत्री

प्रयास किया था
पिछली दर के आधार पर ही नया करार करने का प्रयास किया गया था. लेकिन आपूर्तिदारों ने इसके लिए नकार दिया. इसलिए अस्मिता योजना फिलहाल बंद है. नये स्वरुप में योजना लाँच करने का शासन के विचाराधीन है. इस बाबत प्रयास शुरु है.
– परमेश्वर राऊत, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, एमएसआरएलएम

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