अन्य शहरमहाराष्ट्रमुख्य समाचारविदर्भ

आखिर विदेशी छात्रवृत्ति मिलने का रास्ता खुला

समाननीति के नाम पर लगाई गई थी कठीन शर्ते

नागपुर/दि.19 – अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य पिछडावर्गीय विद्यार्थियों को सरकार की ओर से दी जाने वाली छात्रवृत्ति योजना में समाननीति के नाम पर सरकार द्वारा कई कडे नियम व शर्त लगाये गये थे. इसके तहत कक्षा 10 वीं, 12 वीं व पदवी पाठ्यक्रम में 75 फीसद अंकों के शर्त के साथ ही 30 से 40 लाख रुपए के शिक्षा शुल्क की अधिकतम सीमा तय की गई थी. जिसके चलते आरोप लगाया जा रहा था कि, इस नीति की वजह से विदेश जाकर पढाई करने का सपना देखने वालों के पंख कतर दिये गये है. जिसके चलते राज्य सरकार ने अब सभी नियमों व शर्तों को पीछे ले लिया गया है तथा अब पदवी में 55 फीसद अंक हासिल करने वाले विद्यार्थी को भी विदेशी छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिल सकेगा. साथ ही विदेशी विद्यापीठों में लगने वाले सभी शुल्क का भुगतान भी राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा.

Back to top button