बलिराजा संकट में, चार जिलों में बेमौसम बारिश का कहर
मुंह तक आया निवाला छीन गया
* विपक्ष नेता वडेट्टीवार ने कराया ध्यानाकर्षण
* सरकार से की फसलों का पंचनामा करने की मांग
मुंबई./दि.27- इस साल मानसून में पहले ही कम बारिाश् होने से संकट में फंसे बलिराजा को अब बेमौसम बारिश का सामना करना पड़ रहा है. बेमौसम बारिश के कारण किसानों की खेतों में खड़ी फसलों का नुकसान हो रहा है. राज्य सरकार का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो गया है. इस बीच मंगलवार की मध्यरात्रि को राज्य के चार जिलों में हुई बेमौसम बारिश से किसानों को जबरदस्त नुकसान हुआ है. विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने इस ओर ध्यान आकर्षित करते हुए तत्काल पंचनामा की मांग की है.
इस वर्ष वर्षा ऋतु कम होने के कारण किसान ने बहुत सावधानी एवं योजना बनाकर कम पानी में रबी की फसल उगाई है. वर्तमान समय में देखने में आ रहा है कि खेत में ज्वार की फसल लहलहा रही है. सब्जी और फलों के बगीचे भी फलों से भरे दिख रहे है. इसी तरह अंगूर के बगीचे में लगे अंगूर बाजार में बिक्री के लिए लाने के लिए कटाई की तैयारी रहने पर बेमौसम बारिश ने हाजिरी लगाने से किसानों के मुंह तक आया निवाला छीन गया. इसलिए विपक्ष नेता विजय वडेट्टीवार ने सरकार से बलिराजा की मदद करने की मांग की है.
* मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरु करें
मंगलवार की रात में भारी बेमौसम बारिश के कारण अकोला, बुलढाणा, नासिक, जालना जिलों में फिर बेमौसम संकट पैदा हो गया है. भारी बारिश से रबी की फसल और सब्जी-बगीचों को भारी नुकसान हुआ है. एक के बाद एक प्राकृतिक आपदा, महंगाई और सरकारी उपेक्षा ने किसानों को पहले ही थका दिया है. ऐसी स्थिति में सरकार तुरंत पंचनामा कर मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरु करें, और किसानों को राहत दे, यह मांग विजय वडेट्टीवार ने सरकार से की है.
* इस ओलावृष्टि से रबी सीजन की गेहूं, चना, ज्वार और फलों की फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. चालीसगांव तहसील में मंगलवार की रात आठ बजे बिजली की कडकडाहट के साथ ओलावृष्टि और भारी बारिश हुई. इसी तरह जालना, अकोला और बुलढाणा जिलों में भी भारी बारिश का जोर दिखाई दिया. रात भर हुई बेमौसम बारिश के कारण किसान प्रभावित हुए हैं. अब देखना यह है कि अधिवेशन में यह मुद्दा उठता है या नहीं. साथ ही यह भी देखना होगा कि सरकार किसानों के लिए कोई फैसला लेती है या नहीं.