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नेताओं के कहने पर कर्ज दोगे, तो पक्का डूबोगे

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने दी बैंकों को सलाह

नागपुर/दि.28 – चाहे भाजपा का हो, या कांग्रेस का हो, किसी भी पार्टी के नेता की चिठ्ठी पर किसी को कर्ज मत दो. यदि नेताओं की चिठ्ठी का सम्मान करते हुए कर्ज दोगे, तो 10 में से 8 चिठ्ठियों वाले कर्ज डूब जाएंगे और बैंक को बर्बाद होने में समय नहीं लगेगा. ऐसे में हम भले ही कितनी भी चिठ्ठियां भेजे, लेकिन अगर नियम में रहता है, तो काम करों, वरना सीधे मना कर दो. इस आशय का प्रतिपादन एक बैंक शाखा के उद्घाटन अवसर पर केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्बारा किया गया.
कामठी में एक बैंक की शाखा के उद्घाटन अवसर पर उपरोक्त प्रतिपादन करते हुए केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि, हमे रोजाना 3 से 4 हजार लोग आकर मिलते है और प्रत्येक व्यक्ति अपने काम के लिए चिठ्ठी मांगता है. कल ही एक व्यक्ति ने वीजा नहीं मिलने के चलते अमरीकी राष्ट्रपति के नाम पर चिठ्ठी मांगी. ऐसे समय हम भी हर एक व्यक्ति को चिठ्ठी देने का काम करते है. लेकिन आगे चलकर उसका परिणाम क्या होता है, यह हमें पता भी नहीं होता. ऐसे में नेताओं की चिठ्ठी देखकर एकदम से कोई काम नहीं करना चाहिए, बल्कि सभी नियमों की पूर्तता के बाद अगर वह काम हो सकता है, तो ही उसे करना चाहिए, ऐसा भी गडकरी ने कहा.
उल्लेखनीय है कि, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपनी स्पष्टवादिता के लिए विख्यात है और वे किसी भी विषय को लेकर हमेशा ही बडे मुस्कुराते अंदाज में दो टूक बात बोल देते है.

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