* जरांगे आंदोलन पर कायम
*कांग्रेस ने उठाए सर्वेक्षण पर सवाल
मुंबई/ दि. 16- मराठा आरक्षण को लेकर भूख हडताल पर बैठे मनोज जरांगे की तबियत बिगड जाने से एक ओर जहां वातावरण गरमा रहा है. दूसरी ओर एक बडे घटनाक्रम में राज्य पिछडा आयोग ने रिकार्ड समय में अभूतपूर्व कार्य करते हुए मराठा सर्वेक्षण रिपोर्ट आज सबेरे महायुति सरकार को सौंप दी. जिससे अगली 20 फरवरी को मराठा आरक्षण पर महत्वपूर्ण घोषणा हो सकती है, ऐसा कयास लगाते हुए विधानमंडल का विशेष सत्र रखने की भी जानकारी दी गई हैं. उधर कांग्रेस और सरकार के आपूर्ति मंत्री ने रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं.
* सीएम और डीसीएम को दी रिपोर्ट
राज्य पिछडावर्ग आयोग के अध्यक्ष सुनील शुके्र ने आज सबेरे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को रिपोर्ट दी. जिसके बाद सीएम शिंदे ने अगले मंगलवार को विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाने की घोषणा कर दी. जिसमें पिछडा वर्ग आयोग की रिपोर्ट एवं मराठा आरक्षण पर चर्चा होगी.
* आंदोलन नहीं करना था
मुख्यमंत्री ने कहा कि मांग को लेकर जब सरकार सकारात्मक है. ऐसे में मनोज जरोंगे को अभी भूख हडताल नहीं करनी चाहिए थी. पहले के अध्यादेश में भी कुछ बाधाएं हमने स्पष्ट की है. सरकार सभी बातें कर रही है. इसलिए जरांगे को आंदोलन पीछे लेना चाहिए.
* कुणबी को नहीं आरक्षण
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि 1967 से पहले जिनके कुणबी अभिलेख है, उन्हें मराठा आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. उन्हें पहले के अभिलेख के अनुसार आरक्षण मिलेगा. पहले मराठा समाज को जो आरक्षण दिया गया था. उसके अनुसार सुविधा देने का निर्णय सरकार ने किया हैं.
* ओबीसी को धक्का नहीं
सीएम शिंदे ने इस बात का पुनरूच्चार करते हुए कहा कि मराठा आरक्षण देते समय ओबीसी समाज के आरक्षण को आघात नहीं लगेगा. कानून की हद में टिकाउ आरक्षण देंने का विश्वास हैं.
4 लाख लोगों ने निभाई जिम्मेदारी
पिछडा वर्ग आयोग के अध्यक्ष न्या सुनील शुक्रे ने कहा कि 23 जनवरी से 2 फरवरी दौरान प्रत्यक्ष सर्वेक्षण हुआ. जबकि रिपोर्ट बनाने का काम अगस्त 2023 से शुरू था. सभी की बडी सहायता मिली. लगभग 4 लाख लोगों ने जिम्मेदारी निभाई.
* देश में पहला प्रयत्न
शुक्रे ने कहा कि अहवाल में क्या है, कौन सी सिफारिशें की गई है, यह बताने का हमें अधिकार नहीं. देश में पहली बार इतने बडे प्रमाण में सर्वेक्षण का प्रयास हुआ है. सभी लोगों का सहभाग रहा. सर्वे का तरीका एक्सटेन्सीव फील्ड रहा. 1 करोड 58 लाख परिवारों का सर्वे किया गया.
* सभी आयोग का अध्ययन
न्या. शुक्रे ने कहा कि अहवाल में सभी मुद्दे रखे गये हैं. क्या खामियां थी, यह भी देखा गया. सभी आयोग का अध्ययन किया गया. तब जाकर रिपोर्ट बनाई गई है. जिन्हें कुणबी प्रमाणपत्र मिला है, उस बारे में कुछ नहीं कह सकते. अहवाल तैयार करने के काम में जिलाधिकारी, विभागीय आयुक्त, मनपा आयुक्त और सभी टीम का योगदान हैं. लगभग सवा दो करोड लोगों का सर्वेक्षण किया गया.
* रिपोर्ट दिखावा – पटोले
कांग्रेस नेता नाना पटोले ने आयोग की रिपोर्ट पर यह कहते हुए प्रश्न उठाए कि 6 दिनों में 27 लाख लोगों के सर्वेक्षण किस आधार पर किए गये. राज्य सरकार युवाओं और किसानों के साथ धोखा कर रही है. पटोले ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस ने आंदोलन का चुनाव पर असर नहीं होने का दावा किया था. जबकि उनके ऐसे अहवाल पर आरक्षण दिए जाने के बाद कोर्ट ने फटकार लगाई थी. अभी भी आयोग के माध्यम से रिपोर्ट का दिखावा किया जा रहा है. उसके सदस्य मेश्राम ने कुछ मुद्दे निकाले तो उन्हें आयोग से हटा दिया गया. जिससे सरकार लोगों के साथ धोखा कर रही हैं. अधिवेशन में इस संबंध में विधेयक पर गहन चर्चा की मांग पटोले ने की.
कुणबीकरण रोकें सरकार
इस बीच मंत्री छगन भुजबल ने अपनी ही सरकार से कुणबीकरण रोकने की मांग करते हुए कहा कि मराठा समाज को अलग से आरक्षण देने का हम समर्थन करते हैं. हाल ही में अनेक मराठा लोगों को झूठे अभिलेख पर कुणबी प्रमाणपत्र दिए जाने का आरोप भुजबल ने किया. उन्होंने कहा कि ओबीसी में 374 जातियां हैं. ओबीसी आरक्षण को धक्का नहीं लगना चाहिए. भुजबल ने पुन: मनोज जरांगे पर निशाना साधा कि उन्हें आयोग, मसौदा आदि के बारे में कुछ समझता है क्या ?
* सगे सोयरे कानून तक आंदोलन
आंदोलक मनोज जरांगे ने कहा कि सगे सोयरे अर्थात नाते व रिश्तेदार को भी संबंधित प्रमाणपत्र दिए जाने के कानून तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. उसी प्रकार आरक्षण व्यवस्था कोर्ट में टिकनी चाहिए. सात दिनों से भूख हडताल कर रहे जरांगे की हालत सतत बिगड रही हैं. उन्होंने कहा कि शिंदे- फडणवीस सरकार ने अधिसूचना निकाली पर आरक्षण क्यों नहीं दे रही हैं. सरकार सकारात्मक हैं. हम इस बात से इनकार करेंगे. जरांगे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओबीसी रहने का हमें स्वाभिमान हैं. जो बडे नेता है उनका हमें अपमान नहीं करना हैं. नारायण राणे का नाम लिए बगैर जरांगे पाटिल ने ताना मारा कि 4 दिन भूख हडताल करें. फिर पता चलेगा.