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भाजपा की ‘300 सीटों’ ने किया बेडा गर्क

सट्टेबाजों को बडा नुकसान, पकडा सिर

नागपुर/दि. 5 – भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा चुनाव में कथित निराशाजनक प्रदर्शन से उसके कार्यकर्ता और समर्थक जहां निराश हो गए हैं. वहीं सट्टा मार्केट में भी सट्टेबाजों को जोरदार झटका लगा है. अब वे सिर पकडकर बैठे हैं. एक-दूसरे को दोष दे रहे हैं. सूत्रों की माने तो कुछ सट्टेबाज करोडों के दांव हार गए हैं. भाजपा की अपने दम पर 300 सीटों के आने का सट्टेबाजों का अंदाज फेल रहा. जिसके कारण उनका बेडा गर्क हो जाने की जानकारी सटोरिएं दे रहे हैं.
भाजपा का चुनाव परिणाम सामने आ गया. उसे 240 सीट ही मिली है. यह बुकी अर्थात खायवाल के लिए फायदे का सौदा रहा. वहीं जिन लोगों ने भाजपा की 300 सीटों पर दांव लगाया वे अब सिर धुन रहे हैं. उनका सारा पैसा डूब गया. सट्टा मार्केट के सूत्रों ने बताया कि, इस बार मोबाइल एप के माध्यम से भी चुनाव पर सट्टा खेला गया.
दांव के अंदाज ऐसे थे कि, भाजपा की 300 या अधिक सीटें आने पर 100 रुपए के दांव पर इतने ही पैसे उसे मिलनेवाले थे. वहीं 300 से कम सीटों के लिए 10 रुपए के भाव दिए गए थे. यानि 10 रुपए लगाने पर उसे 100 रुपए मिलने का खुलासा एक सटोरिए ने किया. सट्टेबाजो को पूरा अंदाज था कि, भाजपा आसानी से 300 लोकसभा सीटों का आंकडा पार कर लेगी.
दूसरी ओर कांग्रेस के 60 या अधिक सीटे जितने पर 100 रुपए पर बराबरी के भाव दिए जा रहे थे. बेटिंग एप पर ज्यादा से ज्यादा 5 लाख रुपए लगाने की सीमा थी. अवैध बेटिंग के धंधो के अपने नियम-कायदे होते है. कुछ शर्ते भी जोडी गई थी. जिसमें निर्धारित समय में चुनाव न होने पर सौदे अपनेआप रद्द मान लिए जाएंगे. किसी प्रत्याशी की मृत्यु अथवा उसके नाम पीछे लेने की स्थिति में भी नियमो के अनुसार सौदे खडे रहते. व्यक्ति अपनी लॉगिन आईडी बनाकर अपना पासवर्ड रखकर एप पर दांव लगा सकते थे. सूत्रों ने बताया कि, लेन-देन नगदी में ही होता.
मार्केट में कई एप उपलब्ध थे. जिन पर आसानी से चुनाव के देशभर के अनुमानो पर बेट लगाए जा सकते थे. बेटिंग संचालको ने अपने आप को कंपनी बता रखा था. हालांकि कुछ भी अधिकृत न था.

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