भारत व पाक के बीच सीजफायर, 12 को अगली बातचीत

यूएस राष्ट्रपति ट्रंप का बडा दावा, विदेश मंत्रालय ने भी की पुष्टि

* विदेश सचिव बोले – अब जमीनी और हवाई हमले नहीं करेंगे
* शांति बनाए रखने पर दोनों देशों के बीच शाम 5 बजे बनी सहमति
नई दिल्ली/वॉशिंगटन/दि.10 – भारत और पाकिस्तान ने संयुक्त राज्य अमेरिका की मध्यस्थता में चली लंबी बातचीत के बाद युद्धविराम पर सहमति जता दी है. इसे लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया है. वहीं, पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि भारत और पाकिस्तान ने तत्काल प्रभाव से संघर्षविराम पर सहमति जताई है. ये कदम तब उठाया गया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर लगातार ड्रोन हमले, गोलेबारी और तनावपूर्ण हालात बने हुए थे, जिससे क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ गई थी.
वहीं, भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने की प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि भारत-पाकिस्तान में युद्धविराम लागू हो गया है. भारत ने अपनी शर्तों पर सीजफायर लागू किया है. आज दोपहर 3.35 बजे दोनों देशों के डीजीएमओ की बात हुई. इसके बाद सीजफायर शाम 5 बजे से लागू हो गया है. वहीं, पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि भारत और पाकिस्तान ने तत्काल प्रभाव से संघर्षविराम पर सहमति जताई है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा क्षेत्र में अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता किए बिना शांति और सुरक्षा के लिए प्रयास किए हैं.
भारत और पाकिस्तान के बीच अचानक घोषित हुए संघर्षविराम के पीछे बड़ी कूटनीतिक वजह है, विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर बीते कई दिनों से अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ लगातार बातचीत में शामिल थे. इन वार्ताओं का उद्देश्य सीमा पर बढ़ते तनाव को समाप्त कर एक शांतिपूर्ण समाधान तक पहुंचना था. अमेरिकी पक्ष ने इसे दोनों देशों की ’सामान्य समझदारी और महान बुद्धिमत्ता’ का परिणाम बताया है, और दोनों देशों को इस निर्णय के लिए बधाई दी है. अब उम्मीद की जा रही है कि सीमाओं पर शांति बहाल होगी और दोनों देशों के बीच तनाव कम करने को लेकर आगे भी सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे. वहीं, अमेरिका के विदेश मंत्री ने कहा कि बीते 48 घंटों के दौरान उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और उन्होंने भारत और पाकिस्तान के शीर्ष अधिकारियों के साथ गहन बातचीत की है. इसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे.

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