वर्धा/ दि. 5- आर्वी के एड. रमेश धारसकर पर वकीली पेशे में पक्षकार के साथ धोखाधडी करने का आरोप किया गया. बार काउंसिल ने पक्षकार की शिकायत को सही पाया. एड. धारसकर का पांच वर्षो के लिए वकील के रूप में पंजीयन खारिज कर दिया गया है.
इस बारे में शिकायत रामदास अजमिरे ने की. अजमिरे ने विनोद भार्गव से अचल संपत्ति खरीदी थी. उनके खरीदी पर एड. धारसकर साक्षीदार थे. दस्तावेज तैयार करने की जिम्मेदारी भी वकील धारसकर पर थी. धारसकर ने पक्षकार अजमिरे को जानकारी न देते हुए संपत्ति बेचनेवाले विनोद भार्गव की भाभी प्रमिला भार्गव के साथ परस्पर विभाजन दावा दाखिल कर दिया. वह दावा विनोद भार्गव से मिली भगत कर न्यायालय को गुमराह करने एवं अजमिरे को उसकी जानकारी नहीं होने देते हुए किया. अजमिरे ने आरोप लगाया कि वकील धारसकर ने संपत्ति हडपने के उद्देश्य से परस्पर दावा किया. उनकी शिकायत बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र और गोवा द्बारा की गई जांच में सही पायी गई.