वाशिम/दि.13 – जिले के शिरपुर जैन में पार्श्वनाथ भगवान के मंदिर को लेकर दो पंथियों में पुन: झडप हो जाने से कम से कम दो व्यक्ति जख्मी हो गये. पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायतें दर्ज करते हुए 16 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है. शनिवार को हुई घटना के बाद सोमवार तक क्षेत्र में पुलिस बंदोबस्त तैनात किया गया. यह जानकारी एपीआई महेश कुचेकर ने दी. उन्होंने बताया कि, विविध धाराओं के तहत मामले दर्ज किये गये है. महेश जैन दिगंबर पुजारी को वाशिम अस्पताल में दाखिल किया गया है.
पुलिस ने बताया कि, शिरपुर जैन का अंतरिक्ष पार्श्वनाथ मंदिर समस्त भारत में प्रसिद्ध है. श्वेतांबर पंथ की पुजा के समय पुजारी क्षत्रपाल महाराज ने सिंदूर, फूल, मालाएं और चांदी की वर्क लगाकर पूजा की. जिससे दोनों पंथों के पुजारी और मंदिर में तैनात लोगों के बीच पहले बाचाबाची हुई फिर झगडा टंटा शुरु हो गया. हाथापायी हो गई. लातघूसे चले. यह वाकया सीसीटीवी में भी आने की जानकारी है.
हाथापायी में महेश जैन और प्रियंक प्रकाशभाई सेठ जख्मी हो गये. महेश जैन को वाशिम रेफर किया गया. प्रियंक सेठ की शिकायत पर पुलिस ने महेश जैन पुजारी, हर्षल संजय विश्वंभर, तात्याभैया, रवि पद्मकुमार महाजन व अन्य 7-8 लोगों के विरुद्ध अपराध दर्ज किया है. दिगंबर पंत द्वारा दी गई शिकायत में कहा गया कि, पूजा पद्धति के विरुद्ध पूजा की गई. उसी प्रकार पूजा की सामग्री हटाने के कारण से विनायक देशमुख, सूरज देशमुख, संदीप भानदुर्गे, महादेव भालेराव, गोपाल भालेराव, निर्भया कोठारी, संदीप जाधव, प्रियांश शाह, कौशल्य, पंकज भराडिया, ज्ञानेश्वर देशमुख पर गालीगलौज और लातघूसों से मारपीट का आरोप है. संदीप भानदुर्गे ने डंडे से फिर्यादी को पीट डाला. महेश जैन (49) की शिकायत पर अपराध दर्ज किया गया है.
* दोनों पंथों में बार-बार झगडे
42 वर्ष तक न्यायालयीन लडाई के बाद पिछले वर्ष मंदिर को भक्तों के लिए दर्शनार्थ खोला गया था. किंतु मंदिर में स्थित भगवान पार्श्वनाथ की मुख्य मूर्ति और गुफा की क्षेत्रपाल महाराज सहित अन्य मूर्तियों की पूजन पद्धति को लेकर बारंबार विवाद होते रहते है. न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया था कि, दोनों पंथों को 1905 के करार का पालन करना होगा. मंदिर में मौजूद असामाजिक तत्वों की मंडली की जांच कर उस पर भी कार्रवाई के आदेश दिये.