कक्षा 12 वीं के विद्यार्थी ने फांसी लगाकर दी जान
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अकोला/दि. 1 – नीट परीक्षा की तैयारी कर रहे कक्षा 12 वीं के बुलढाणा जिला निवासी प्रसन्न वानखडे (17, बेलगांव, तह. मेहकर) नामक विद्यार्थी द्वारा अकोला शहर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली गई. किसी छिटपूट वजह के चलते कक्षा में पढनेवाले एक अन्य विद्यार्थी द्वारा पुलिस में दी गई शिकायत और पुलिस द्वारा की जानेवाली पूछताछ से तंग आकर अपने बेटे द्वारा आत्मघाती कदम उठाए जाने का आरोप मृतक छात्र के अभिभावकों ने लगाया है.
उल्लेखनीय है कि, अकोला शहर में अन्य जिलो के विद्यार्थी बडी संख्या में पढाई-लिखाई हेतु आते है. जिसके तहत बुलढाणा जिला निवासी प्रसन्न वानखडे भी अपनी पढाई के लिए अकोला आया था और जलाराम अपार्टमेंट स्थित एक फ्लैट में कुछ अन्य विद्यार्थियों के साथ किराए का कमरा लेकर रहा करता था. कक्षा 12 वीं का छात्र रहनेवाला प्रसन्न वानखडे नीट परीक्षा की तैयारी कर रहा था और तोष्णीवाल ले-आऊट परिसर स्थित एक नामांकित कोचिंग क्लास में उसने एडमिशन ले रखी थी. परंतु शुक्रवार की रात प्रसन्न वानखडे ने अपने फ्लैट के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. उस समय प्राथमिक अनुमान लगाया गया कि, संभवत: पढाई को लेकर तनाव एवं निराशा के चलते प्रसन्न द्वारा यह आत्मघाती कदम उठाया गया हो, परंतु अब प्रसन्न वानखडे के अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि, पिछले महिने प्रसन्न वानखडे का एक विद्यार्थी के साथ विवाद हुआ था. जिसे लेकर सिवील लाईन पुलिस थाने में दी गई शिकायत के आधार पर प्रसन्न के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया था और जांच के दौरान पुलिस उपनिरीक्षक सहित दो पुलिस कर्मियों ने इस मामले से छुटने हेतु प्रसन्न वानखडे से एक लाख रुपए की मांग की थी. इसके चलते तनाव में आकर प्रसन्न वानखडे ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. ऐसे में अब इस मामले को लेकर किसके खिलाफ कार्रवाई होती है, इस ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है. वहीं इस घटना की जानकारी मिलते ही अकोला के जिला पालकमंत्री आकाश फुंडकर ने पुलिस विभाग को मामले की गंभीरतापूर्वक जांच करने का निर्देश दिया है. साथ ही विधायक रणधीर सावरकर ने मुख्यमंत्री व गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र भेजकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठाई है.