सीएम फडणवीस ने जारी किया सात सूत्रिय कृति कार्यक्रम
सभी सरकारी अधिकारियों को दिये निर्देश
* सामान्य नागरिकों का दैनंदीन जीवन सरल बनाने की पहल
मुंबई /दि.7- सामान्य नागरिकों का दैनंदिन जीवन सहज व सरल हो, इस हेतु मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज राज्य के सभी अधिकारियों को सात सूत्रिय कृति कार्यक्रम निश्चित करके दिया है. सीएम फडणवीस ने आज राज्य के सभी विभागीय आयुक्तों, जिलाधिकारियों, मनपा आयुक्तों, पुलिस आयुक्तों व पुलिस अधीक्षकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद साधा और उन्हें आगामी 100 दिनों के दौरान पहली प्राथमिकता के साथ किये जाने वाले प्रशासनिक कामों के संदर्भ में विस्तृत निर्देश दिये. इस बैठक में सीएम फडणवीस ने यह भी कहा कि, आज जारी किये गये निर्देशों पर क्या कदम उठाये गये और किन-किन कामों को किस तरह से पूरा किया गया. यह जानने हेतु 15 अप्रैल 2025 को समीक्षा बैठक ली जाएगी.
इस बैठक में राज्य के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व अजीत पवार सहित सभी मंत्री भी उपस्थित थे. बैठक दौरान सीएम शिंदे ने सभी अधिकारियों से कहा कि, वे अपने कार्यालयों की वेबसाइट को अपडेट रखे और सूचना अधिकार के तहत मांगी जाने वाली जानकारी को पहले ही अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराये. साथ ही वेबसाइट को साइबर हमलों से सुरक्षित रखते हुए अपने कार्यालयों को साफ-सुथरा रखे. जिसके तहत अनावश्यक दस्तावेजों सहित नादुरुस्त व प्रयोग में नहीं रहने वाले वाहनों को निर्लिखित करे. इसके साथ ही सभी सरकारी कार्यालय में वहां आने वाले नागरिकों हेतु पीने के पानी व स्वच्छ प्रसाधन गृह की व्यवस्था को सुनिश्चित करे और नागरिकों का दैनंदीन जीवन सुकर हो. इस हेतु कम से कम दो नाविण्यपूर्ण उपक्रम सभी कार्यालयों द्वारा चलाये जाये. साथ ही प्रलंबित कामों की संख्या को शुन्य पर लाने हेतु प्रयास करते हुए नागरिकों के लिए अधिकारी कब उपलब्ध रहेंगे. इसकी जानकारी को सूचना फलक पर उल्लेखित करे.
इसके साथ ही मंत्रालय में होने वाली नागरिकों की भीडभाड का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने अधिकारियों को यह कहते हुए आडे हाथ लिया कि, नागरिकों की स्थानीय स्तर पर हल होने वाली समस्याओं को तहसील एवं जिलास्तर पर हल ही नहीं किया जाता. जिसके चलते नागरिकों की मंत्रालय में भीडभाड होती है. ऐसे में लोकशाही दिवस जैसे उपक्रम प्रभावी तरीके से चलाये जाने चाहिए. साथ ही राज्य के विविध स्थानों पर निवेश हेतु आने वाले उद्योजकों के साथ संभागीय आयुक्त व जिलाधीश सहित संबंधित विभाग के अधिकारियों ने भी प्रभावी संवाद साधना चाहिए.