फुके संबंधी विवाद की शिकायत नहीं मिली, हगवणे मामले में बार कौन्सिल को लिखा पत्र

राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा रुपाली चाकणकर का स्पष्टीकरण

नाशिक/दि.30 – पुणे में घटित वैशाली हगवणे आत्महत्या मामले को लेकर राज्य महिला आयोग की भूमिका पर कई लोगों ने सवालिया निशान उपस्थित किए थे. जिसके बाद अब राज्य महिला आयोग जमकर काम में जुट गया है और नाशिक में महिला आयोग के जरिए जनसुनवाई का आयोजन भी किया गया है. इस अवसर पर पत्रकारों द्वारा पुछे गए सवालों का जवाब देते हुए राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा रुपाली चाकणकर ने कहा कि, विधायक परिणय फुके के परिवार में चल रहे विवाद को लेकर राज्य महिला आयोग के पास कोई भी शिकायत नहीं आई. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि, वैष्णवी हगवणे मामले में आयोग द्वारा बार कौन्सिल को पत्र लिखा गया है.
इस समय रुपाली चाकणकर ने इस बात को लेकर भी चिंता जताई कि, महिलाओं के पक्ष में काफी कडे कानून रहने के बावजूद कार्रवाई से बचने हेतु रास्ते खोल दिए जाते है और दहेज विरोधी कानूनों का खुलेआम उल्लंघन भी किया जाता है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी जन्म दाखिलों में काटछांट व बदलाव करते हुए बाल विवाह करवाए जाते है. ऐसी सभी बातों के खिलाफ खुद महिलाओं ने आवाज उठानी चाहिए. इस समय रुपाली चाकणकर ने यह भी कहा कि, वैष्णवी हगवणे मामले में आरोपियों के वकील का व्यवहार एडवोकेटस् अधिनियम 1961 की धाराओं का उल्लंघन करनेवाला है. ऐसे संवेदनशील मामलो में वकिलों ने मीडिया के साथ बातचीत करते समय काफी सावधानी व सतर्कता बरतनी चाहिए. जिसके चलते राज्य महिला आयोग ने बार कौन्सिल के सचिव को पत्र लिखकर इस बारे में गंभीरतापूर्वक ध्यान दिए जाने के लिए कहा है.

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