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नाबालिग आरोपियों की आयु 18 से घटाकर 14 वर्ष करने का विचार

डेप्यूटी सीएम अजीत पवार का बडा बयान

* केंद्रीय मंत्री अमित शाह से भी होगी चर्चा
पुणे/दि.3 – किसी अपराधिक वारदात में शामिल रहने वाले नाबालिग आरोपी को अब नाबालिग मानने हेतु 18 वर्ष की आयु को घटाकर 14 वर्ष करने पर विचार चल रहा है. इस समय यदि किसी अपराधिक वारदात में शामिल आरोपी की आयु 18 वर्ष से कम होती है, तो उसे अल्पवयीन या नाबालिग माना जाता है. लेकिन अब इस मानक को बदलने पर विचार विमर्श चल रहा है. इस आशय का दावा राज्य के उपमुख्यमंत्री व पुणे के जिला पालकमंत्री अजित पवार ने आज बारामती में एक पत्रवार्ता को संबोधित करते हुए किया. इस समय डेप्यूटी सीएम अजीत पवार ने यह भी कहा कि, वे इस बारे में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी चर्चा करेंगे और उन्हें इस बारे में पत्र लिखते हुए वस्तुस्थिति से अवगत कराएंगे.
डेप्यूटी सीएम अजीत पवार के मुताबिक राज्य के कई न्यायिक व पुलिस अधिकारियों का भी यह मानना है कि, यदि जुवेनाइल एक्ट में कोई बदलाव किया जा सकता है, तो सबसे पहले किसी भी आरोपी को नाबालिग मानने हेतु 18 वर्ष की आयु मर्यादा को घटाकर 14 वर्ष करने पर विचार किया जाना चाहिए. क्योंकि 16-17 वर्ष की आयु को पार कर लेने वाले किशोरवयीन लडकों तथा उनका अपराधों में प्रयोग करने वाले लोगों को पता होता है कि, वे अपने अपराधों के लिए ज्यादा लंबा नहीं फंसेंगे. जिसके चलते इस आयु वाले नाबालिग आरोपियों के हौसले अपराधिक वारदातों को अंजाम देने हेतु काफी बुलंद रहते है. इस बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से चर्चा करते हुए नाबालिग आरोपियों की आयु मर्यादा को 18 वर्ष से घटाकर 14 वर्ष करने का निवेदन किया है. साथ ही वे इस बारे में केंद्रीय गृहमंत्री से प्रत्यक्ष मुलाकात के समय भी इस विषय पर बात करेंगे.

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