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महायुति की चुनावी घोषणाओं के ठेकेदार फंसे दिक्कत में

ठेकेदारों की यवतमाल में हुई राज्यव्यापी बैठक

* बकाया बिलों के लिए तीन चरणों में आंदोलन का निर्णय
यवतमाल/दि. 12- राज्य की महायुति सरकार ने लोकसभा व विधानसभा चुनाव के मुंहाने पर राज्य में 90 हजार करोड रुपयों के विकास कामों की घोषणा की थी. जिनकी निविदा प्रक्रिया पश्चात कार्यादेश मिलते ही ठेकेदारों ने इसमें से अधिकांश काम पूरे किए और कई काम प्रगतिपथ पर है. परंतु इन कामों के देयकों का भुगतान अब भी ठेकेदारों को नहीं मिला है. जिसके चलते ठेकेदारों के करीब 46 हजार करोड रुपए सरकार के पास अटकें हुए है और सरकार द्वारा यह पैसा नहीं दिए जाने के चलते राज्य के सभी ठेकेदार आर्थिक दिक्कतों में फंस गए है. ऐसे में इस मुद्दे को लेकर राज्यभर के ठेकेदार अब आंदोलन करने की तैयारी में है. जिसका नियोजन करने हेतु विगत सोमवार को यवतमाल में ठेकेदार संगठन की बैठक हुई. जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए ठेकेदार महासंघ ने घोषित किया कि, बकाया देयकों के लिए तीन चरणों में आंदोलन किया जाएगा.
इस बैठक में ठेकेदार महासंघ के कार्याध्यक्ष संजय मैद ने बताया कि, राज्य सरकार ने चुनाव से पहले विविध विकासात्मक कामों की घोषणा की थी. जिसके तहत रास्ते, पुल व इमारतों का निर्माण प्रस्तावित किया गया. विगत ढाई वर्ष के दौरान अर्थसंकल्पिय लेखाशिर्ष 5054(3), रास्ते व पुल 5054(4) तथा जिला व अन्य मार्ग के करीब 90 हजार करोड के कामों की निविदा जारी की गई और ठेकेदारों के साथ करारनामे किए गए. उस समय राज्य में वर्ष 2024-25 हेतु 8 हजार करोड रुपयों का प्रावधान सरकार के पास उपलब्ध था. वहीं दिसंबर 2024 के अंत तक 26 हजार करोड रुपयों के देयक प्रलंबित थे. जबकि मार्च 2025 के अंत तक 20 हजार करोड के काम प्रगतिपथ पर है. ऐसे में बकाया देयक अदा करने हेतु 46 हजार करोड की निधि की आवश्यकता है. इन सभी कामों को करने हेतु ठेकेदारों ने बैंक, निजी वित्तिय संस्था व साहूकार से बडे पैमाने पर कर्ज लिया था. परंतु काम पूरा हो जाने के बावजूद देयक का भुगतान नहीं मिलने के चलते ठेकेदार अब आर्थिक दुष्चक्र में फंस गए है. वहीं ठेकेदारों द्वारा बार-बार आंदोलन करने के बाद भी सरकार की ओर से बकाया देयकों का भुगतान करने हेतु कोई प्रतिसाद नहीं दिया जाता.
उपरोक्त जानकारी देने के साथ ही ठेकेदार महासंघ के कार्याध्यक्ष संजय मैद ने बताया कि, ठेकेदारों की समस्याओं की ओर सरकार का ध्यान दिलाने हेतु 11, 21 व 24 फरवरी को पूरे राज्य में चरणबद्ध ढंग से आंदोलन किया जाएगा और सभी ठेकेदार एक साथ एक ही समय काम बंद करने की तैयारी में है. जिसके चलते ठेकेदारों के यहां काम करनेवाले सुपरवाईजर, मजदूर व वाहन चालक जैसे 50 लाख लोगों का रोजगार रुक जाएगा. इस आंदोलन के दौरान प्रत्येक जिले के ठेकेदारों द्वारा जिलाधीश कार्यालय सहित लोकनिर्माण विभाग के अधीक्षक अभियंता व कार्यकारी अभियंता कार्यालय के समक्ष धरना आंदोलन किया जाएगा. साथ ही साथ अब ठेकेदारों द्वारा विकास कामों हेतु आनेवाले मंत्रियों, विधायकों व राजनीतिक पदाधिकारियों के फोन कॉल को टेप भी किया जाएगा.
इस बैठक में महाराष्ट्र हॉट मिक्स संगठन के अध्यक्ष बाबासाहेब गुंजाटे, सचिव बंटी वोरा, ठेकेदार महासंघ के कार्याध्यक्ष संजय मैद, विदर्भ ठेकेदार संगठन के अध्यक्ष नितिन डहाके, सचिव नितिन सालवे, बिल्डर्स असो. ऑफ इंडिया के राजेंद्र आठवले व प्रदीप चड्ढा, महाराष्ट्र इंजीनिअर्स असो. के प्रवीण पांडे, यवतमाल जिला ठेकेदार कल्याण संगठन के अध्यक्ष प्रवीण उंबरकर, सचिव अमित उत्तरवार व संयोजक अरविंद वाढोणकर सहित राज्य के विभिन्न ठेकेदार संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे.

– 46 हजार करोड रुपयों की आवश्यकता.
– 50 लाख मजदूर काम बंद से होंगे बेरोजगार.
– अब ठेकेदारों द्वारा मंत्रियों व विधायकों के फोन किए जाएंगे टेप.
– ठेकेदारों ने चुनावी काल के दौरान कर्ज निकालकर किए थे काम पूरे.
– काम पूरे होने के बावजूद बिलों का भुगतान है बकाया.
– अंंशत: भुगतान पर ठेकेदारों का भरोसा नहीं, पूर्ण भुगतान की मांग.
– आंदोलन करने के साथ ही अदालत जाने की तैयारी में ठेकेदार.

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