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करकरे पर किए गए बयान से उठा विवाद

वडेट्टीवार पर अपराध दर्ज करने लोढा ने उठाई मांग

मुंबई/दि.6- आतंकवादी हमले में शहीद हुए पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे की मौत कसाब की बंदूक से छुटी गोली से नहीं हुई, बल्कि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की बंदूक की गोली से होने का आरोप कॉग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार ने शनिवार को मुंबई में एक पत्रकारों से बोलते हुए किया था. करकरे को मारने वाला वह पुलिस अधिकारी, कसाब मामले के सरकारी वकील उज्जवल निकम के व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंधित था. ऐसा बयान वडेट्टीवार ने किया है. इस संदर्भ में रविवार 5 मई को वडेट्टीवार ने कोल्हापूर में पत्रकारों के पुछने पर उन्होनें इस आरोप की पुष्टी करते हुए एक पुस्तक का हवाला दिया. इस दौरान वडेट्टीवार के विरुध्द अपराध दर्ज करने की मांग मंत्री मंगलप्रभात लोढा ने की है.
पूर्व पुलिस अधिकारी एस.एम. मुश्रीफ की पुस्तक में यह सब आरोप किया गया है. मैं उसका पुनरुच्चार किया. ऐसा इस समय वडेट्टीवार ने कहा. तेलगी नकली स्टैंप पेपर मामले का खुलासा करने वाले मुश्रीफ ने कसाब के हमले के बाद हू किल्ड करकरे, द रिअल फेस ऑफ टेररिजम इन इंडिया यह पुस्तक लिखी थी.

कार्रवाई की मांग
करकरे की शहादत पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को दोषी मानते हुए यानी मृतक के माथे का मक्खन खाने जैसा आरोप मंत्री मंगलप्रभात लोढा ने व्यक्त किया. एक्स के माध्यम से लोढा ने वडेट्टीवार पर टिप्पणी की है. देशभक्त पर टिप्पणी कर दहशतवादियों की जय-जय करने की कॉग्रेस की वृत्ती दोबारा एक बार सामने आयी है. मगर बदनामी करने वाले बयान करने वाले वडेट्टीवार पर अपराध दर्ज कर तुष्टीकरण की राजनीति करने के लिए निचले स्तर पर गीर कर प्रचार करने के अधिकार को छीना जाने की मांग लोढा ने की है.

यह शहिदों का अपमान
भाजपा के उत्तर मध्य मुंबई लोकसभा चुनाव क्षेत्र में उम्मीदवार उज्जवल निकम ने भी इस आरोप का जवाब दिया है. मेरी प्रामाणिक पर शंका करने वाले आरोप सुनकर मैं व्यथित हुं. राजकीय फायदे के लिए नेता इतना निचले स्तर पर गिर सकते है, मैने कभी ऐसा सोचा नहीं था. वडेट्टीवार के इस बयान से केवल मेरा अपमान नहीं हो रहा बल्कि इस हमले में मारे जाने वाले 166 मृतकों का अपमान किया जा रहा है. ऐसा बयान एड. निकम ने दिया.

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