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मौजूदा व पूर्व सांसदों व विधायकों को भाजपा जिलाध्यक्ष पद का मौका नहीं

महिला तथा एसटी, एसटी संवर्ग से रहेंगे 20 फीसद जिलाध्यक्ष

मुंबई./दि.24 – भारतीय जनता पार्टी में इस समय संगठनात्मक चुनाव को लेकर काफी रफ्तार चल रही है. इसी दौरान पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व में आज एक धमाका करते हुए स्पष्ट कर दिया कि, मौजूदा व पूर्व सांसदो व विधायको में से किसी को भी जिलाध्यक्ष बनने का अवसर नहीं दिया जाएगा. साथ ही महिला तथा अनुसूचित जाती व जनजाति संवर्ग से 20 फीसद जिलाध्यक्ष नियुक्त किए जाएंगे.
भाजपा राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री शिवप्रकाश ने मंगलवार की रात भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों व पार्टी के विधायकों सहित जिलाध्यक्षों की नियुक्ति हेतु नियुक्त किए गए निरीक्षक के साथ मुंबई में बैठक आयोजित की थी और इसी बैठक के दौरान उन्होंने उक्त दिशानिर्देश जारी किए. इस बैठक में पार्टी प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले भी उपस्थित थे.
बता दें कि, संगठनात्मक दृष्टि से महाराष्ट्र में भाजपा के 78 जिले है, जिसमें से कम से कम 20 फीसद यानि 15 जिलाध्यक्ष महिला, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति संवर्ग से बनाए जाएंगे और यदि यह आंकडा 30 प्रतिशत तक भी जाता है तो कोई आपत्ति नहीं रहेगी, ऐसा भी पार्टी के राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री शिवप्रकाश द्वारा बताए जाने की जानकारी है.
पता चला है कि, भाजपा के जिलाध्यक्षों का चयन करने हेतु नियुक्त किए गए निरीक्षक संबंधित जिलो में जाकर वहां के नेताओं व कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और उनसे जिलाध्यक्ष पद हेतु पसंद क्रम के अनुसार नाम हासिल करेंगे. जिन तीन नामों को सबसे अधिक पसंद मिलेगी वे नाम पार्टी निरीक्षकों द्वारा प्रदेशाध्यक्ष को 30 अप्रैल तक दिए जाएंगे. जिसके बाद 5 मई तक जिलाध्यक्षों के चयन व नियुक्ति की घोषणा होगी. जानकारी के मुताबिक निरीक्षकों द्वारा जिन तीन नामों का फायनल तैयार किया जाएगा, उनमें महिला संवर्ग से एक तथा एससी-एसटी संवर्ग से एक नाम अनिवार्य तौर पर शामिल करने का नियम तैयार किया गया है.
* हाल-फिलहाल आनेवालो को नहीं मिलेगा पद
भाजपा में विगत लंबे समय से रहते हुए पार्टी संगठन में काम करनेवाले व्यक्ति को ही जिलाध्यक्ष का पद दिया जाएगा. जिसके तहत इस बात पर विचार किया जाएगा कि, सरकार, कार्यकर्ता, संगठन व पार्टी जैसे चारों घटकों को न्याय देने वाले व्यक्ति को ही जिलाध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा. साथ ही जिलाध्यक्ष पद हेतु चयनित किए जानेवाले पदाधिकारी की आयु 45 से 60 वर्ष के बीच रहना आवश्यक रहने का निर्देश भी जारी किया गया. ऐसे में अब हाल-फिलहाल किसी अन्य पार्टी से पाला बदलकर भाजपा में शामिल होनेवाले किसी नेता या पदाधिकारी को सीधे जिलाध्यक्ष नियुक्त नहीं किया जाएगा.

 

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