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साइबर सुरक्षा परियोजना: राज्य मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी

24 घंटे कार्यरत होगा कॉल सेंटर

837 करोड रुपए मंजूर
मुंबई/दि.7- साइबर सुरक्षा परियोजना लागू करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है. राज्य में साइबर अपराध के खिलाफ सख्ती से निपटने के लिए 837 करोड़ रुपए की इस परियोजना को मंजूरी मिली है. इस परियोजना से राज्य के सभी पुलिस आयुक्त और अधीक्षक कार्यालय के साइबर पुलिस स्टेशनों को जोड़ा जाएगा. परियोजना के तहत कॉल सेंटर स्थापित किया जाएगा.
नागरिक एक फोन पर 24 घंटे कार्यरत रहने वाले कॉल सेंटर में साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज करा सकेंगे. इसके साथ ही नागरिक मोबाइल एप अथवा पोर्टल पर भी साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज करा पाएंगे. साइबर अपराध की दर्ज शिकायत पर तत्काल संज्ञान लेकर जांच की जाएगी. शिकायतों की जांच अत्याधुनिक साइबर प्रौद्योगिकी की सहायता से की जाएगी. जिससे अपराध की जड़ तक पहुंचा जा सकेगा और अपराध को सिद्ध करके सजा दर का प्रमाण बढ़ाया जा सकेगा. सजा दर बढ़ाने के लिए अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. साइबर अपराध के बारे में नागरिकों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा. यह परियोजना विशेष्ज्ञ पुलिस महानिरीक्षक (साइबर) के माध्यम से लागू की जाएगी. परियोजना की स्थिति की समीक्षा उच्चस्तरीय अधिकार प्राप्त समिति करेगी. सरकार का कहना है कि नागरिकों द्वारा अत्याधुनिक प्राद्योगिकी का इस्तेमाल बढ़ रहा है. ठगी का भी सामना करना पड रहा है. राज्य के गृह विभाग ने समय की जरूरत को देखते हुए साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए साइबर सुरक्ष परियोजना लागू करने का फैसला लिया है. इस परियोजना के जरिए महाराष्ट्र को साइबर सुरक्षित राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है.
* परियोजना की विशेषता
साइबर सुरक्षा परियोजना के तहत एक छत के नीचे विभिन्न अत्याधुनिक साधन और प्रौद्योगिकी से लैस कॉल सेंटर स्थापित किया जाएगा. कॉल सेंटर में कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, टेक्नॉलॉजी असिस्टेंट इन्वेस्टिगेशन, सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स, सर्ट महाराष्ट्र, क्लाउड आधारित डेटा सेंटर आदि अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी.

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