उपमुख्यमंत्री अजित पवार ब्रॉन्कायटीस से ग्रस्त, राष्ट्रपति के कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे क्या?
मुबंई में सरकारी निवास से देखेंगे कामकाज, उपमुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा
मुंबई/दि.4- आगामी विधानसभा चुनाव एकदम सिर पर आ गया हैं. ऐसे में सभी पार्टी के नेता जोरदार तैयारी में जुट गए हैं. उपमुमुख्यमंत्री अजित पवार विगत कुछ दिनों से विविध जिले में जनसम्मान यात्रा निकाल रहे हैें. मगर अब अजित पवार को एक बिमारी ने घेर लिया हैं. जिसके कारण उन्हें डॉक्टरों ने आराम की सलाह दी हैं. उपमुख्यमंत्री कार्यालय व्दारा दी गई जानकारी के अनुसार अजित पवार को ब्रॉन्कायटीस की परेशानी हो रही हैं. जिसके कारण डॉक्टरों न उन्हें आराम करने की सलाह दी हैं. इस वजह से लातूर जिले के उदगीर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की उपस्थिती में होने वाले कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री अजित पवार उपस्थित नहीं रह पाएंगे. राष्ट्रपति महोदया को इस बारे में जानकारी दी गई हैं.
उपमुख्यमंत्री अजित पवार यह पिछले कई महिनों से जनसम्मान यात्रा मुख्यमंत्री मेरी लाडली बहन योजना के लाभाथार्थियों से मुलाकात, सरकारी बैठक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कार्यक्रम के चलते लगातार राज्य में विविध क्षेत्रों में दौरा कर रहे हैं. अजित पवार के राष्ट्रपति के साथ उदगीर का दौरा आयोजित किया गया था. मगर उन्हें ब्रॉन्कायटीस की तकलीफ होने के कारण उनका उदगीर दौरा रद्द किया गया हैं. अजित पवार को ब्रॉन्कायटीस की परेशानी होने के कारण आगे कुछ दिन आराम करने की सलाह डॉक्टरों ने दी हैं. उनकी तबीयत में सुधार होने के बाद ही वे तुरंत दौरे शुरू करेंगे. इस समय मुंबई के सरकारी निवास से वे सरकारी कामकाज देख रहे हैं. ऐसी जानकारी उपमुख्यमंत्री कार्यालय ने दी हैं.
क्या हैं ब्रॉन्कायटिस?
ब्रॉन्कायटिस होने पर व्यक्ति की श्वसन नलिका में सूजन आती हैं. अपने फेफडों से हवा अंदर व बाहर की जाती हैें. मगर श्वसन नलिका के सूजन के कारण श्वास लेने में तकलीफ होती हैं. इस समय व्यक्ति को बहुत खांसी होती हैं. इसी तरह अधिक मात्रा में कफ भी निकलता हैं. श्वसन नलिका कमजोर होती हैं. फेफडे बहुत अधिक खराब होता हैं. ब्रॉन्कायटिस एक्युट ब्रोन्कायटिस व क्रॉनिक ब्रोन्कायटिस ऐसे दो प्रकार रहते हैं. एक्युट ब्रॉन्कायटिस में साधारण सर्दी व बुखार रहता हैं. एक्युट ब्रोन्कायटिस होने के प्रमाण छोेटे बच्चों में ज्यादा होता हैं. क्रॉनिक ब्रोन्कायटिस में खांसी और कफ होने के प्रमाण अधिक रहते हैं. अगर सही उपचार नहीं किया तो इसको ठीक होने में अनेक महिने लग जाते हैं.