नागपुर/दि.6– आगामी 18 जुलाई से नॉनब्राण्डेड अनाज पर पांच प्रतिशत वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) लागू करने का निर्णय हाल ही में जीएसटी कौन्सिल द्वारा लिया गया है. इस निर्णय का व्यापारियों ने विरोध दर्शाते हुए इसके कारण महंगाई बढ़ने का भय व्यक्त किया है.
जीएसटी कौन्सिल ने अब किसी भी पैकिंग में अनाज पर पांच प्रतिशत जीएसटी की वसुली की है. केंद्र का यह निर्णय छोटे व्यापारियों के लिए मारक साबित होगा. व्यापारियों को और एक नये कर का भार सहन करना पड़ेगा. इसके लिए नये से कर सलाहकार, लेखा परीक्षक व संगणक का खर्च बढ़ने वाला है. इतना ही नहीं तो सर्वसामान्य नागरिकों को भी इसके लिए अधिक पैसे गिनने पड़ेंगे. इस बढ़ाये गए कर के कारण सामान्यों का बजट गड़बड़ाने वाला है. अन्न, वस्त्र, निवास इन मूलभूत आवश्यकताओं को कम से कम कर कक्ष से दूर रखा जाये, ऐसी मांग की जा रही है.
इस संदर्भ में दि होलसेल ग्रेन एंड सीड्स मर्चंट असोसिएशन के सचिव प्रताप मोटवानी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार शुरुआत में ब्रांडेड अनाज पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाया गया. इसका भी व्यापारियों ने विरोध किया था. पश्चात अब नॉनब्राण्डेड एवं पैकिंग किए अनाज पर जीएसटी लागू किया है. इसलिए व्यापारियों पर कर का बोझ पड़ने पर सामान्य ग्राहकों को भी अधिक दाम में अनाज खरीदना पड़ेगा. तुअर दाल पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाये जाने पर प्रति किलो पांच रुपए के अनुसार एक क्विंटल के लिए 500 रुपए गिनने पड़ेंगे. जीएसटी के कारण सभी प्रकार की दालें प्रति किलो चार से सात रुपए से महंगी होने वाली है. इस संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं अर्थमंत्री निर्मला सीतारमन से जीएसटी पीछे लेने की मांग की गई है.
होटल चालकों का भी विरोध
एक दिन का रुम किराया एक हजार रुपए से कम लेने वाले होटल चालकों पर जीएसटी लागू किया गया है. इस निर्णय को नागपुर रेसिडेन्शिअल होटल असोसिएशन ने विरोध दर्शाया है. कोरोना के बाद होटल इंडस्ट्री आर्थिक संकट से बाहर आने पर केंद्र का यह निर्णय चिंता बढ़ाने वाला होने का भय व्यक्त किया जा रहा है.