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क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ ईडी पुन: कोर्ट में

शिखर बैंक घोटाले में अजित दादा की बढी दिक्कत

मुंबई/दि.28-25 हजार करोड के शिखर बैंक के घोटाले में उप मुख्यमंत्री अजित पवार की दिक्कतें बढ सकती है. मुंबई पुलिस द्वारा प्रस्तुत क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने पुन: कोर्ट में अर्जी दी है. ईडी ने इस अर्जी में क्लोजर रिपोर्ट सुनवाई में हस्तक्षेप का अनुरोध कोर्ट से किया है.
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने शिखर बैंक घोटाले में अजित पवार सहित 70 से अधिक संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. सितंबर 2020 में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर कहा था कि, कथित घोटाले में बैंक का कोई नुकसान नहीं हुआ है. किंतु ईडी ने अक्टूबर 2022 में हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर इस बारे में जांच शुरु रहने की जानकारी कोर्ट को दी थी. क्लोजर रिपोर्ट के कुछ मुद्दों पर ऐतराज भी जताया था. ईडी की दूसरी बार याचिका दायर हुई है, जिसका मुंबई पुलिस विरोध कर रही है.
सांसद और विधायकों के खिलाफ ईडी की ऐसी याचिका विशेष न्यायालय ने पहले ही ठुकरा रखी है. यह बात मुंबई पुलिस ने गुरुवार को दोबारा कोर्ट के ध्यान में ला दी. ईडी बार-बार वहीं मुद्दे उपस्थित करने का युक्तिवाद पुलिस की तरफ से किया गया. गत मार्च में मुंबई पुलिस ने प्रकरण बंद कर क्लोजर रिपोर्ट पेश की थी.
* क्या है यह घपला?
राज्य सहकारी और शिखर बैंक द्वारा 2005-10 दौरान बडी मात्रा में ऋण बांटे गए. सहकारी चीनी मिलों, सूती मिलों और अन्य कंपनियों को कर्ज दिया गया था. यह सभी कर्ज डूब गए. 14 कारखानों से बगैर कोई गारंटी अथवा गिरवी रखे कर्ज दिए गए और कागजात की भी जांच नहीं की गई. संचालकों के रिश्तेदारों को अंधाधुंध कर्ज बांटे गए, जिससे बैंक का 25 हजार करोड का नुकसान होने का आरोप किया गया था. जांच में सामने आया था. कई दलों के प्रमुख नेता इस मामले में नामजद किए गए थे.

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