खाद्य तेल कंपनियों ने केंद्र के आदेश को ठूकराया
एक झटके के साथ बढ गये खाद्य तेलों के दाम
पुणे/दि.24 – खाद्य तेल पर आयात शुल्क लागू करने से पहले आयात हो चुके करीब 30 लाख टन तेल की विक्री वृद्धिंगत दरों से न की जाये, ऐसे निर्देश केंद्र सरकार ने खाद्य तेल कंपनियों के नाम जारी किये थे. लेकिन इस निर्देश की अनदेखी करते हुए खाद्य तेल कंपनियों ने खाद्य तेल पर आयात शुल्क के लागू होते ही दरवृद्धि कर दी. जिसके चलते फुटकर बाजार में खाद्य तेलों के दामों में प्रति लीटर औसत 30 रुपए की वृद्धि हो गई है. ऐसे में खाद्य तेलों के दाम नियंत्रित रखने हेतु केंद्र सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयास असफल साबित हो गये.
देश में उत्पादित होने वाले तिलहनों को गारंटी मूल्य मिले तथा किसानों का गुस्सा कम किया जा सके. इस बात के मद्देनजर कच्चे खाद्य तेल पर लगने वाले आयात शुल्क को साढे 5 फीसद से बढाकर साढे 27 फीसद तथा शुद्ध खाद्य तेल पर लगने वाले आयात शुल्क को 13.75 फीसद से बढाकर 35.75 फीसद कर दिया गया. जिसका तुरंत परिणाम खाद्य तेल के दामों पर दिखाई दिया तथा खाद्य तेल कंपनियों द्वारा तत्काल दरवृद्धि किये जाने के चलते फुटकर बाजार में खाद्य तेल की कीमतें प्रति लीटर 20 रुपए से बढ गई है. जबकि केंद्रीय अन्न व आपूर्ति मंत्रालय ने खाद्य तेलों की संभावित दरवृद्धि को रोकने हेतु खाद्य तेल कंपनियों के नाम निर्देश जारी किया था कि, आयात शुल्क बढाने से पहले देश में सस्ती दरों पर आयात किये गये करीब 30 लाख टन तेल की विक्री वृद्धिंगत दरों से न की जाये. खाद्य तेल का यह स्टॉक आगामी 40 से 50 दिनों की जरुरत को बडे आराम से पूरा कर सकता है. इस दौरान दशहरा व दीपावली जैसे बडे त्यौहार निपट जाएंगे. जिसके बाद वृद्धिंगत आयात शुल्क अदा करते हुए आयात करते हुए खाद्य तेलों की विक्री बढी हुई दरों से की जाये. परंतु इन निर्देशों की अनदेखी करते हुए खाद्य तेल कंपनियों ने तुरंत ही खाद्य तेलों की विक्री दरों में वृद्धि कर दी है. कंपनियों द्वारा मूल्य वृद्धि किये जाने के चलते फुटकर विक्रेताओं ने भी तेलों के दाम बढा दिये है. जिसके चलते एक झटके के साथ खाद्य तेलों के दामों में औसत 20 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि हो गई है और ऐन दशहरा व दीपावली जैसे पर्व के समय आम नागरिकों को तेलों में हुई दरवृद्धि का समाना करना पड रहा है.