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एक के बाद एक आठ ध्यानाकर्षण लटके

मंत्रियों की अनुपस्थिति पर भडके कडू और महाले

* अध्यक्ष ने भी उमेठे कान
नागपुर/दि.20- विधानमंडल में ध्यानाकर्षण पटल पर लाने के लिए सदस्यों को भी बडी विनती करनी पडती है, तब जाकर उनकी लक्ष्यवेधी नोटिस स्पीकर स्वीकार करते हैं. किंतु ध्यानकर्षण की घोषणा होने पर संबंधित विभाग के मंत्री अनुपस्थित रहने से वह नोटिस प्रलंबित हो जाती है. विषय लटक जाता है. मंगलवार को जहां नोटिस देने वाले सदस्य गैरहाजिर थे. बुधवार को इसके विपरीत स्थिति देखने मिली. कई मंत्री गैरहाजिर रहने से प्रहार जनशक्ति पार्टी के विधायक बच्चू कडू एवं भाजपा की श्वेता महाले ने नाराजगी जताई. कडू ने तो पीठासीन सभापति संजय सिरसाठ से मंत्रियों को यदि संभव हो तो वेतन काटने तक की मांग कर डाली.
* क्या हुआ सदन में
सदन में सुबह 11 बजे ध्यानाकर्षण प्रस्तावों पर चर्चा शुरु होनी थी. अध्यक्ष तालिका समिति के सिरसाठ विराजमान थे. उन्होंने एक के बाद एक 8 ध्यानाकर्षण सूचनाओं की घोषणा की. संबंधित खाते के मंत्री सदन में नहीं पहुंचे थे. जिससे सदस्य तमतमा गए. सभापति को 4, 5, 6, 7, 8 नंबर तक लक्ष्यवेधी नोटिस प्रलंबित रखनी पडी.
* बिफरे बच्चू, ग्रामपंचायत है क्या
पीठासीन अध्यक्ष व्दारा एक के बाद एक लक्ष्यवेधी स्थगित किए जाने पर दिव्यांग विभाग के अध्यक्ष बच्चू कडू नाराज हो गए. कडू ने कहा कि मंत्री महोदय 10 मिनट बाद आने की बात हो रही है, यह विधानमंडल है या ग्रामपंचायत की सभा. कडू ने आगे यह भी कहा कि मंत्रियों को सब सुविधाएं बंगले, गाडी, नौकर-चाकर उपलब्ध है. फिर भी वे समय पर सदन में नहीं पहुंच रहे. प्रावधान हो तो ऐसे मंत्रियों की पगार कट की जानी चाहिए. भाजपा की श्वेता महाले की लक्ष्यवेधी प्रलंबित होने से वे भी खफा नजर आई. वहीं पीठासीन अध्यक्ष सिरसाठ ने मंत्रियों की गैरहाजिरी को सरासर अनुचित बताया.

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