अन्य शहरमहाराष्ट्रमुख्य समाचार

दीपावली के बाद चुनाव महायुति के लिए फायदेमंद, मविआ के लिए असुविधा

हरियाणा व जम्मू कश्मीर के चुनावी नतीजों का भी राज्य पर होगा असर

मुंबई /दि.17- महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव दीपावली के बाद ही होने के स्पष्ट संकेत दिखाई दे रहे है. जिसके चलते सत्ताधारी महायुति को सरकारी योजनाओं की विज्ञापनबाजी करने हेतु पर्याप्त समय मिलेगा. वहीं महाविकास आघाडी के लिए चुनाव का लंबा टलना काफी हद तक असुविधा वाला रहेगा. इसके अलावा जम्मू कश्मीर व हरियाणा इन दो राज्यों के विधानसभा के चुनावी नतीजों का भी राज्य पर निश्चित असर दिखाई देगा. उन दोनों राज्यों में यदि भाजपा का प्रदर्शन गडबडाता है, तो यह महायुति के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
ज्ञात रहे कि, महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म होने जा रहा है. जिसके चलते महाराष्ट्र में दीपावली के बाद यानि नवंबर माह में चुनाव कराये जाने के संकेत मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने दिये है. महाराष्ट्र व हरियाणा इन दो राज्यों के विधानसभा चुनाव सन 2009, 2014 व 2019 में एकसाथ कराये गये थे. परंतु इस बार महाराष्ट्र व हरियाणा के विधानसभ चुनाव अलग-अलग कराये जा रहे है. क्योंकि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने में अब भी दो माह का समय बाकी है. जिसके चलते सत्ताधारी महायुति के नेताओं को अपनी लोकप्रिय सरकारी योजनाओं की विज्ञापनबाजी करने हेतु पर्याप्त समय मिल गया है. मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण, अन्नपूर्णा योजना, लाडका भाउ व किसानों हेतु नि:शुल्क बिजली जैसी लोकप्रिय घोषणाओं का यदि लोगों को लाभ मिलता है, तो इसका चुनाव में निश्चित तौर पर फायदा हो सकता है. ऐसे में आगामी 1 महिने तक इन योजनाओं की जोरदार हवा तैयार करने की योजना महायुति के नेताओं द्वारा तैयार की गई है. जिसके चलते चुनावों का थोडा आगे टलना सत्ताधारी दल के लिए जरुरी भी था. यदि दीपावली से पहले चुनाव हुए होते, तो गणेशोत्सव के तुरंत बाद आचार संहिता लागू हो गई होती. इससे उलट लोकसभा चुनाव के समय महायुति के विरोध में रहने वाले लोगों के रुझान और सत्ताधारी दल के खिलाफ रहने वाले संताप को और अधिक तेज करने हेतु विधानसभा का चुनाव दीपावली से पहले होना महाविकास आघाडी के लिए फायदेमंद रहा होता.
इस समय मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना के तहत महिलाओं के खातों में पैसे जमा होने की शुरुआत हो गई है. जब सभी पात्र लाभार्थियों के खाते में इस योजना के पैसे जमा हो जाएंगे. तब इसका राजनीतिक फायदा उठाने का फायदा महायुति द्वारा निश्चित तौर पर किया जाएगा. इसके साथ ही किसानों हेतु नि:शुल्क बिजली व अन्नपूर्णा योजना जैसी योजनाओं को लेकर भी सरकार ने जमकर विज्ञापनबाजी करनी शुरु कर दी है.

* चुनावी नतीजों का परिणाम
महाराष्ट्र की तरह ही हरियाणा में भी लोकसभा चुनाव के दौरान सत्ताधारी भाजपा के खिलाफ असंतोष दिखाई दिया था. जहां पर 10 में से 5 सीटें भाजपा ने व 5 सीटें कांग्रेस ने जीती. जबकि सन 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सभी 10 सीटों पर जीत हासिल की थी. ऐसे में अब हरियाणा के विधानसभा चुनाव में यदि जनादेश भाजपा के खिलाफ जाता है, तो इसका महाराष्ट्र में भी राजनीतिक परिणाम दिखाई दे सकता है. वहीं हरियाणा में जीत मिलने पर भाजपा के लिए राज्य में प्रचार के अवसर बढ जाएंगे. इसी तरह जम्मू कश्मीर का जनादेश भी काफी निर्णायक साबित होगा.

* इच्छुकों का बढा तनाव
विधानसभा के चुनाव दीपावली के बाद होने के चलते सभी दलों के मौजूदा विधायकों सहित चुनाव लडने के इच्छुकों को दीपावली के समय मतदाताओं को खुश करना होगा. दीपावली के बाद चुनाव रहने के चलते खर्च में वृद्धि होने की बात कई उम्मीदवारों द्वारा कही जा रही है. क्योंकि दीपावली में मतदाताओं को खुश करने हेतु अच्छा खासा पैसा खर्च करना पडेगा.

Related Articles

Back to top button