ओबीसी आरक्षण के साथ ही होंगे निकायों के चुनाव
सन 2022 से पहलेवाली आरक्षण की स्थिति रहेगी कायम

* सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार व निर्वाचन आयोग को दिए निर्देश
मुंबई/दि.6 – विगत तीन वर्ष से राज्य में हर किसी को स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव होने की प्रतीक्षा थी, क्योंकि पहले कोविडकाल के चलते और फिर ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं के चलते राज्य की सभी महानगर पालिकाओं, जिला परिषदों, नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों व पंचायत समितियों के चुनाव अधर में अटके हुए थे. वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार व राज्य के निर्वाचन आयोग को आगामी सितंबर माह से पहले राज्य के सभी स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव करवाने का आदेश जारी किया है. साथ ही ओबीसी आरक्षण को लेकर सन 1994 से 2022 तक अस्तित्व में रहनेवाली व्यवस्था को भी कायम रखने की बात कही है. जिसके चलते अब यह स्पष्ट हो गया है कि, आगामी सितंबर माह से पहले ओबीसी आरक्षण के साथ राज्य में सभी स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव करवा लिए जाएंगे.
बता दें कि, ओबीसी आरक्षण को लेकर वर्ष 2022 में बांठिया समिति ने अपनी रिपोर्ट पेश की थी और इस समिति ने ओबीसी संवर्ग की करीब 34 हजार सीटों को कम कर दिया था. जिसे ओबीसी संवर्ग के साथ अन्याय बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, आरक्षण का लाभ समाज के किसी एक विशिष्ठ वर्ग तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए. बल्कि आरक्षण का लाभ समाज के सभी वर्गों को मिलना चाहिए. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बांठिया समिति द्वारा कम की गई ओबीसी संवर्ग की सीटों को पूर्ववत रखने का आदेश जारी किया. जिसके चलते वर्ष 2022 से पहले ओबीसी संवर्ग हेतु आरक्षित रहनेवाली सीटे जस की टस रहेंगी और अदालत में ओबीसी संवर्ग के राजनीतिक आरक्षण को यथावत रखते हुए अगले चार सप्ताहे क भीतर चुनावी अधिसूचना जारी करने व इसके पश्चात चार माह के भीतर सभी स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव करवाने का आदेश जारी किया है. ऐसे में ओबीसी संवर्ग का राजनीतिक आरक्षण बच गया है और अब ओबीसी आरक्षण के साथ ही सभी स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव करवाए जाएंगे.