नागपुर /दि.15– राज्य में 30 अगस्त के आसपास बिजली की मांग 26 हजार मेगावैट पर चले जाने की वजह से बिजली की किल्लत निर्माण हुई थी. इसके चलते ‘एफ’ श्रेणी वाले फीडरों पर महावितरण को लोडशेडिंग करनी पडी. इसके पश्चात बारिश होने के चलते बिजली की मांग घटकर 21 हजार 238 मेगावैट पर आयी. परंतु अब भी राज्य के कई हिस्सों में बारिश जारी रहने के बावजूद बिजली की मांग एक बार फिर 26 हजार मेगावैट पर जा पहुंची है. जिसकी वजह से विद्युत कंपनियों की चिंताएं बढ गई है.
बारिश में खंड पडने के चलते राज्य में 30 अगस्त के आसपास बिजली की मांग सीधे 26 हजार मेगावैट पर चली गई थी. जिसमें से 23 हजार से 24 हजार मेगावैट की मांग अकेले महावितरण की थी. महावितरण की ओर से होने वाली मांग की तुलना में 900 से 1200 मेगावैट बिजली की किल्लत रहने के चलते महावितरण को एफ श्रेणी वाले फीडरों पर लोडशेडिंग शुरु करनी पडी थी. इसी बीच राज्य के कई हिस्सों में बारिश शुरु हो जाने की वजह से कृषि पंप सहित पंखे व अन्य विद्युत यंत्रों का प्रयोग कम हो जाने पर 9 सितंबर के आसपास यह मांग घटकर 21 हजार 238 मेगावैट पर आ गई थी. वहीं कल गुरुवार 14 सितंबर को राज्य के कुछ हिस्सों में बारिश जारी रहने क ेचलते दोपहर 3.30 बजे बिजली की मांग 25 हजार 976 मेगावैट दर्ज की गई. जिसमें से 21 हजार 374 मेगावैट की मांग महावितरण की ओर से थी. गुरुवार को मांग के अनुसार आपूर्ति जारी थी. परंतु यदि मांग में इसी तरह इजाफा आता रहा, तो विद्युत कंपनियों की दिक्कतें बढेगी और नागरिकों को लोडशेडिंग का सामना करना पड सकता है.
* राज्य में बिजली की मौजूदा स्थित
महानिर्मिति 14 सितंबर को दोपहर 3.30 बजे 5 हजार 961 मेगावैट विद्युत निर्मिति शुरु थी. जिसमें से 5 हजार 427 मेगावैट औष्णिक, 47 मेगावैट सौर व 140 मेगावैट गैस से विद्युत निर्मिति हो रही थी. केंद्र के हिस्से से राज्य को 9 हजार 975 मेगावैट तथा निजी कंपनियों में से अदानी की ओर से 3 हजार 180 मेगावैट जिंदल की ओर से 1 हजार 224 मेगावैट, रतन इंडिया की ओर से 1 हजार 67 मेगावैट, एसडब्ल्यूपीएल की ओर से 445 मेगावैट व आईडीएल की ओर से 258 मेगावैट बिजली उपलब्ध हुई. राज्य में लगातार बिजली की मांग में उतार-चढाव दिखाई दे रहा है. बीच में मांग की तुलना में आपूर्ति में किल्लत पैदा हुई थी. जिसकी वजह से महावितरण पर लोडशेडिंग करने की नौबत आ गई थी. इस समस्या से निपटने हेतु महानिर्मिति को और अधिक सक्षम करते हुए विद्युत निर्मिति की क्षमता बढाए जाने की जरुरत है.
– मोहन शर्मा,
महासचिव, ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रीसिटी एम्प्लाइज.